हिमाचल प्रदेश के शहरी उपभोक्ताओं को एक बड़ा झटका लगा है। दरअसल अब उन्हें सीवरेज कनेक्शन के लिए भी अतिरिक्त शुल्क चुकाना होगा। जानकारी के अनुसार जलशक्ति विभाग ने अब एक नई नीति लागू की है, इसके अनुसार अब हर शहरी उपभोक्ता से प्रति टॉयलेट सीट 25 रुपये मासिक शुल्क लिया जाएगा। वहीं यह नई व्यवस्था अक्टूबर से लागू हो गई है, और सरकार का लक्ष्य इस टैक्स के जरिए राजस्व में बढ़ोतरी करना बताया जा रहा है।
दरअसल जलशक्ति विभाग के निर्देशानुसार, अब नई व्यवस्था प्रभावी हो गई है। जानकारी के अनुसार इसके तहत अब शहरी क्षेत्रों में सीवरेज के लिए शुल्क वसूला जाएगा।
प्रति टॉयलेट सीट 25 रुपये मासिक शुल्क
वहीं यह शुल्क प्रत्येक घर में टॉयलेट सीट की संख्या के अनुसार निर्धारित किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार जिन उपभोक्ताओं के पास पानी का कनेक्शन है, अब उन्हें अपने पानी के बिल का 30% सीवरेज शुल्क के रूप में भी सरकार को देना होगा। जबकि, जिन लोगों के पास सिर्फ सीवरेज कनेक्शन है और पानी का कनेक्शन नहीं है, उनसे प्रति टॉयलेट सीट 25 रुपये मासिक शुल्क लेने की तैयारी की गई है।
हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों में भी लागू किया जाएगा
दरअसल इस निर्णय का उद्देश्य सरकारी राजस्व बढ़ाकर राज्य की विकास योजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाना है। वहीं इसके साथ ही, यह नीति हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों में भी लागू की जा रही है। जानकारी के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में निशुल्क पेयजल योजना को बंद कर दिया गया है। वहीं अब सभी शहरी और ग्रामीण इलाकों में पानी की आपूर्ति के लिए मीटर के माध्यम से बिल वसूला जाएगा।
वहीं कांगड़ा मंडल के जलशक्ति विभाग के प्रमुख अभियंता सुरेश महाजन ने जानकारी दी है कि, “अक्टूबर से यह नई प्रणाली लागू हो गई है। पानी कनेक्शन रखने वाले सभी उपभोक्ताओं को अपने बिल का 30% सीवरेज शुल्क के तौर पर चुकाना होगा। वहीं, जिनके पास सिर्फ सीवरेज कनेक्शन है, उनसे प्रति टॉयलेट सीट 25 रुपये मासिक शुल्क लिया जाएगा।”
Unbelievable, if true!
Whilst PM @narendramodi ji, builds Swachhata as a people’s movement, here is @INCIndia taxing people for toilets! Shame that they didn’t provide good sanitation during their time, but this step will shame the country! https://t.co/EPTmOmyufM— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) October 4, 2024
जानिए इसे लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्या कहा?
वहीं इस मामले पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बड़ा बयान दिया है। दरअसल उन्होंने इस फैसले की निंदा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा “अविश्वसनीय, अगर सच है!” दरअसल उन्होंने कांग्रेस को टैग करते हुए कहा कि ‘शौचालय के लिए लोगों पर टैक्स वसूलना शर्म की बात है। यह कदम देश को शर्मसार करेगा!’