Navratri 2024 में इस दिशा में बैठकर करें पूजा, तुरंत पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं

पूजा करते समय आपका मुख इस दिशा की ओर होना चाहिए, ताकि सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सके और आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आए।

Vastu Tips

Vastu Tips: हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। इस वक्त देश भर में नवरात्रि का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। नवरात्रि के त्यौहार में घटस्थापना से लेकर माता रानी के विसर्जन तक भक्तजन कई नियमों का पालन करते हैं।

9 दिनों तक व्रत रखते हैं, माता रानी को रोजाना अलग अलग दिनों में अलग-अलग प्रकार का भोग लगाते हैं। ऐसे में हमें इस पावन त्यौहार पर वास्तु शास्त्र के बताए गए नियमों का भी ध्यान रखना चाहिए।

नवरात्रि की पूजा में वास्तु शास्त्र

नवरात्रि की पूजा में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व होता है क्योंकि यह दिशाओं और स्थान की सही व्यवस्था पर आधारित है। वास्तु शास्त्र के अनुसार देवी दुर्गा की पूजा करते समय हमेशा सही दिशा का ध्यान रखना जरूरी होता है। सही दिशा में बैठकर पूजा करने से जल्द ही फल की प्राप्ति होती है, तो चलिए जान लेते हैं की पूजा के दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

इस दिशा में बैठकर करें पूजा

वास्तु शास्त्र के अनुसार नवरात्रि के त्योहार पर माता रानी की पूजा करते समय भक्तों का मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर ही होना चाहिए। उत्तर दिशा को कुबेर की दशा माना जाता है जो धन और समृद्धि के देवता भी माने जाते हैं वहीं पूर्व दिशा को सूर्य देवता की दशा माना जाता है जो ज्ञान और ऊर्जा के प्रतीक माने जाते हैं।

अगर हम माता रानी की पूजा इन दोनों दिशाओं की ओर मुख करके करते हैं, तो पूजा का प्रभाव अधिक होता है। नवरात्रि की पूजा के लिए घर में उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण दिशा को सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दिशा को देवताओं की दिशा माना जाता है और यहां पूजा करने से सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। अगर ईशान कोण में पूजा करना संभव नहीं हो पा रहा है, तो ऐसे में आप पूर्व दिशा में मुख करके पूजा कर सकते हैं।

दीपक और कलश की दिशा का रखें ध्यान

इसके अलावा वास्तु शास्त्र में दीपक जलाने का भी विशेष महत्व है। कलश और दीपक की सही दिशा का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। पूजा स्थल पर दीपक को हमेशा दक्षिण-पूर्व यानी अग्नि कोण में जलाना चाहिए, क्योंकि यह दिशा अग्नि तत्व की मानी जाती है जो सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है।

इसी तरह कलश को उत्तर-पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है। जिससे देवी की कृपा बनी रहती है और घर की सभी बाधाएं दूर होती है। इन वास्तु नियमों का पालन करने से नवरात्रि की पूजा में अध्यात्मिक भक्ति बढ़ती है और घर में सुख शांति, समृद्धि का वास होता है।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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