राजस्थान में MiG-21 हादसे के बाद भारतीय वायुसेना का बड़ा फैसला, लड़ाकू विमान के पूरे बेड़े पर लगाई रोक

MiG-21 Grounded: भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) ने राजस्थान में मिग-21 हादसे की जांच के बाद बड़ा निर्णय लिया है। लड़ाकू विमान के पूरे बेड़े की उड़ान पर रोक लगा दी गई है। बता दें कि 8 मई, 2023 को सूरतगढ़ एयरबेस से उड़ान भरने वाला मिग-21 बाइसन विमान राजस्थान के हनुमानगढ़ में क्रैश हो गया था, इस दुर्घटना के कारण 3 लोगों की जान चली गई थी।

रक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार मिग-21 बेड़े की जांच पूरी हो चुकी है। लगातार हादसों को देखते हुए फाइटर जेट की उड़ान पर रोक लगा दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि, ” MiG-21 विमान पिछले पाँच दशकों से इंडियन एयरफोर्स में शामिल हैं। वर्तमान समय में मिग-21 विमान के तीन स्क्वाड्रन वायुसेना में है। लेकिन 2025 की शुरुआत तक इन सभी को चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा।”

फिलहाल, वायुसेना के पास मिग-21 बाइसन के तीन स्क्वाड्रन उपलब्ध हैं, एक स्क्वाड्रन में 18 विमान होते है। इसे लड़ाकू विमाग को 1960 के दशक में एयरफोर्स में शामिल किया है और इसके 800 वेरिएन्ट अभी भी सेवा में है। भारतीय वायुसेना LCA मार्क 1ए, LCA मार्क 2 और अन्य स्वदेशी विमानों को शामिल की प्लानिंग कर रहा है।

मिग-21 का कारगिल युद्ध में मत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसे कई मिशन में भी शामिल किया जा चुका है। इसकी तेज रफ़तार और मारक क्षमता काफी प्रशंसनीय है। इसके अब तक 11496 यूनिट्स निर्मित किए जा चुके हैं। लेकिन इस लड़ाकू विमान से करीब 400 से अधिक हादसे हो चुके हैं, कई लोगों की जान भी जा चुकी है। क्रैश रिकॉर्ड को देखते हुए मिग-21 को फ्लाइंग कॉफीन यानि उड़ता ताबूत भी कहा जाता है।


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Manisha Kumari Pandey

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