खुशखबरी : कर्मचारियों-पेंशनर्स को बड़ी सौगात, महंगाई भत्ता बढ़ा, एरियर का भी लाभ, आदेश जारी, अप्रैल से खाते में बढ़कर आएगी सैलरी

अभी तक कर्नाटक कर्मचारियों को 38.75 फीसदी डीए का लाभ मिल रहा था, लेकिन अब बेसिक पे का 42.5 फीसदी डीए मिलेगा। यह फैसला 1 जनवरी, 2024 से प्रभावी माना जाएगा। इस फैसले से राज्य सरकार के खजाने पर लगभग 1792.71 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

Pooja Khodani
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7th pay commission da hike

Karnataka DA Hike : कर्नाटक के लाखों कर्मचारियों पेंशनरों के लिए बड़ी खुशखबरी है।यूपी, अरुणाचल प्रदेश और झारखंड के बाद अब राज्य की सिद्दारमैया सरकार ने कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोत्तरी कर दी है। कर्नाटक सरकार द्वारा कर्मचारियों के डीए में 4 फीसदी वृद्धि की गई है, जिसके बाद राज्य कर्मियों का कुल डीए 38.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 42.5 प्रतिशत हो गया है। नई दरें जनवरी से प्रभावी होगी।

कर्मचारियों का 4 फीसदी डीए बढ़ा, बढ़कर हुआ 42.5 प्रतिशत

  • कर्नाटक सरकार ने राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) में 4 फीसदी बढ़ोतरी करते हुए डीए को मौजूदा 38.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 42.5 प्रतिशत करने की मंजूरी दे दी। नई दरें 1 जनवरी 2024 से लागू की गई है, ऐसे में जनवरी और फरवरी के एरियर का भुगतान भी किया जाएगा।
  • इससे सरकार पर हर साल 1792.71 करोड़ रुपये का वित्तीय भार आएगा।एक आधिकारिक बयान में मंगलवार को कहा गया कि केंद्रीय वेतनमान पाने वाले कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 46 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया गया है।
  • जानकारी के अनुसार, ये आदेश पूर्णकालिक सरकारी कर्मचारियों, जिला पंचायतों के कर्मचारियों, निर्धारित वेतन पर काम करने वाले प्रभारी कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों के पूर्णकालिक कर्मचारियों पर लागू होगा।  मूल पेंशन या पारिवारिक पेंशन में भी वृद्धि की गई है। यह सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में उन पेंशनधारियों पर भी लागू होगी, जिनकी पेंशन/पारिवारिक पेंशन राज्य की संचित निधि से दी जाती है।

सीएम ने एक्स पर दी जानकारी

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Siddaramaiah) ने बताया कि 1 जनवरी 2024 से राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते 4 फीसदी बढ़ा दी गई है।अब डीए 38.75 से प्रतिशत से बढ़कर 42.5 हो गया है।हम उन सरकारी कर्मचारियों के साथ हैं जो सरकार और जनता के बीच एक कड़ी के रूप में काम कर रहे हैं, सरकारी कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन में हमारे साथ काम कर रहे हैं। हम सरकारी कर्मचारियों के कल्याण के लिए सदैव प्रतिबद्ध हैं।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)