Employees New Rule : कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। 1 अप्रैल से उनके लिए नियम में बदलाव किया गया है, जो कर्मचारियों के लिए मानना बेहद आवश्यक है। ऐसा नहीं होने की स्थिति में कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उनके वेतन को भी रोका जा सकता है।
झारखंड में राज्य सरकार के अधीन कार्यरत सभी कर्मचारी, चाहे वह स्थाई व अस्थाई हो, सभी को आधार आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया है। 1 अप्रैल से सरकार द्वारा नियम में संशोधन किए गए हैं। राज्य सरकार द्वारा सभी कर्मचारियों को हिदायत दी गई है कि 1 अप्रैल से बायोमैट्रिक उपस्थिति अनिवार्य है। इसमें संविदा कर्मी के साथ-साथ दैनिक वेतन भोगी कर्मी भी शामिल रहेंगे।
अधिसूचना जारी
कार्मिक, प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग के उप सचिव आसिफ हसन द्वारा अधिसूचना जारी की गई है। वही अधिसूचना की प्रति महालेखाकार के साथ सभी विभाग, प्रमंडलीय आयुक्त सहित उपायुक्त और सचिवालय और संस्थाओं को भेज दी गई है। इसमें कहा गया है कि आधार आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली के अंतर्गत दैनिक उपस्थिति दर्ज करने का दायित्व सभी सरकारी कर्मचारी और अन्य कार्यरत कर्मचारी पर समान रूप से लागू किया जाएगा।
इन कर्मचारियों को छूट
इतना भी नहीं जारी नियम में कहा गया है कि 3 महीने की अवधि के लिए नियोजित किए गए हैं ऐसे भी कर्मचारियों की बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य किया गया है। इसमें संविदा के साथ-साथ दैनिक वेतन भोगी को भी शामिल किया गया है। हालांकि 3 महीने से कम अवधि के लिए नियोजन पर कार्यरत कर्मचारियों को इसमें छूट दी गई है।
सबसे पहले स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में बायोमेट्रिक प्रणाली को लागू किया गया था।बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली में ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने की निर्धारित प्रक्रिया शुरू करने का मंतव्य दिया गया था। जिसमें बाद में इसे लागू करने का निर्णय लिया गया है।