सीएमओ डॉ. नीरज त्यागी ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि अब से कार्यालय के सभी बाबुओं और ऑपरेटरों को कंप्यूटर टाइपिंग में दक्ष होना अनिवार्य है, भविष्य में उन्हें पत्र और अन्य कार्य के लिए अलग से टाइपिस्ट नहीं दिया जाएगा।सभी जल्द से जल्द कंप्यूटर पर काम करना शुरू करें। 30 जुलाई को सभी की टाइपिंग परीक्षा भी होगी। सीएमओ के निर्देश के बाद कर्मचारियों की टेंशन बढ़ गई है और वे अब टाइपिंग सीखने में अपना ज्यादा समय दे रहे है।
दरअसल, अलीगढ़ के सीएमओ कार्यालय में सरकारी काम कम्प्यूटर के माध्यम से ही होते है, लेकिन यहां कुछ ही कर्मचारी है जो कंप्यूटर पर काम करते हैं।जब भी कोई भी पत्रावली तैयार करनी हो, उन्हें अतिरिक्त कर्मचारी की आवश्यकता पड़ती है, जिसे टाइपिंग आती हो, ऐसे में हर बार हरेक के लिए एक टाइपिस्ट उपलब्ध करवाना पड़ता है, जबतक काम पेंडिंग रहता है। इतना ही नहीं कई ऑपरेटर भी,ऐसे है जिन्हें टाइप करना ही नही आता, इसी के चलते यह कदम उठाया गया है।
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बता दे कि बीते दिनों यूपी शासन के निर्देश पर जब मेरठ में सभी सरकारी विभागों में मृतक आश्रित योजना के तहत नौकरी करने वाले कर्मचारियों की यह परीक्षा ली गई थी तो 75 फीसद कर्मचारी इसमें फेल हो गए थे,जबकि 20 ने परीक्षा से दूरी बना ली थी। जबकी योजना के अनुसार, नियमानुसार तैनाती के एक साल बाद ही कर्मचारी को सबसे अधिक जरूरी टंकण सीखना होगा और विभागीय कार्य में निपूणता हासिल करनी होती है।