Retirement Age hIke, Employees Retirement Age : कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। उनकी रिटायरमेंट आयु में वृद्धि की जा सकती है। इसके लिए समिति द्वारा सेवानिवृत्ति की आयु को आगे बढ़ाने के लिए प्रदर्शन मूल्यांकन प्रणाली की सिफारिश की गई है। यदि सब कुछ ठीक रहता है तो कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति आयु में 3 वर्ष की वृद्धि देखी जा सकती है।
सेवानिवृत्ति आयु को आगे बढ़ाने के लिए मूल्यांकन प्रणाली की सिफारिश
दरअसल उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के कार्यकाल को मौजूदा सेवानिवृत्ति आयु कोआगे बढ़ाने के लिए मूल्यांकन प्रणाली की सिफारिश संसदीय समिति द्वारा की गई है। सोमवार को हुई सिफारिश में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश सहित उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की रिटायरमेंट आयु में वृद्धि की सिफारिश की गई है।
वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु में रिटायर होते हैं जबकि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की उम्र में पद छोड़ते हैं। कानून और कार्मिक संबंधी स्थाई समिति ने न्यायिक प्रक्रिया उनके सुधारों पर अपनी रिपोर्ट पेश की। जिसमें कहा गया कि सार्वजनिक संस्थानों में एससी और हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की कार्य का उनकी निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए पुनर्मूल्यांकन किया जा सकता है।
न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि संभव
समिति ने न्यायिक प्रक्रिया है और उनके सुधार विषय पर अपनी 133 रिपोर्ट में कहा है कि उसे लगता है कि न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि की जानी चाहिए। रिपोर्ट के पैरा 47 के अनुसार सिफारिश की गई है कि भारत के संविधान के प्रासंगिक अनुच्छेद में संशोधन करने की आवश्यकता है और सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की रिटायरमेंट आयु में उचित रूप से वृद्धि की जानी चाहिए।
हेलो की सिफारिश में स्पष्ट किया गया है कि रिटायरमेंट की आयु को बढ़ाते समय न्यायाधीशों के प्रदर्शन और उनके स्वास्थ्य की स्थिति सहित निर्णय की गुणवत्ता और दिए गए। निर्णय की संख्या के आधार पर पुनर्मूल्यांकन किया जाना चाहिए जबकि 48 में उल्लेख किया गया। जिसमें कहा गया कि किसी भी न्यायाधीश को उसके कार्यकाल को बढ़ाने की सिफारिश करने से पहले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा मूल्यांकन की एक प्रणाली तैयार की जा सकती है और इसे लागू किया जा सकता है।
60 लाख से अधिक लंबित मामलों की संख्या
उच्च न्यायालय के संबंध में लंबित मामलों की संख्या आज की तारीख में 60 लाख से अधिक है। यह गंभीर समस्या है लेकिन सभी उच्च न्यायालय में बहुत उच्च स्तर की रिक्तियां है। रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले साल 31 दिसंबर तक उच्च न्यायालय के कुल रिक्ति स्वीकृत संख्या का 30% थी और इनमें से कई में 40 से 50% तक रिक्त पद थी। ऐसे में रिटायरमेंट आयु में वृद्धि की सिफारिश की गई है।