Jharkhand Old Pension Scheme 2022: राजस्थान और छत्तीसगढ़ के बाद अब झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को बड़ा झटका लगा है। एक तरफ राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की घोषणा कर दी है वही दूसरी तरफ केन्द्र सरकार ने नई पेंशन योजना के 18,000 करोड़ रुपये वापस करने से इंकार कर दिया है, ऐसे में लाखों कर्मचारियों-पेंशनरों की ओपीएस पेंशन पर संकट आ सकता है।हालांकि झारखंड सरकार इसका काट ढूंढने में लगी है, ताकी कर्मचारियों को लाभ दिया सके।
दरअसल, झारखंड सरकार ने विगत सितंबर महीने में राज्य के लाखों कर्मचारियों पेंशनरों को सौगात देते हुए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने का नोटिफिकेशन जारी किया था और इसकी सूचना पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) को दी थी। PFRDA की नई पेंशन योजना (NPS) के तहत राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों के अंशदान के रूप में करीब 18,000 करोड़ रुपये जमा किए थे, वो अब सरकार वापस चाहती है, क्योंकि सरकार राज्य में फिर से पुरानी पेंशन योजना लागू करने जा रही है।
केन्द्र से मांगे 17930 करोड़ रुपए
झारखंड, छत्तीसगढ़ और राजस्थान द्वारा पीएफआरडीए अधिनियम-2013 और पीएफआरडीए विनियम 2015 का हवाला देते हुए पेंशन अंशदान जमा राशि की वापसी की मांग के बावजूद यह स्पष्ट कर दिया गया है कि एनपीएस के तहत कर्मचारी और सरकारी अंशदान जमा राशि की वापसी का कोई प्रावधान नहीं है।PFRDA के पास झारखंड सरकार और कर्मचारियों के अंशदान के कुल 17,930 करोड़ रुपए जमा हैं, ऐसे में अब राज्य सरकार के सामने ओपीएस को लागू करने को लेकर बड़ा संकट खड़ा हो गया है, क्योंकि जब तक फंड नहीं मिलेगा, तब तक ओल्ड पेंशन शुरू नहीं की जा सकती है।
संसद में केन्द्रीय मंत्री ने दी ये जानकारी
AIMIM यानी आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन औवसी ने सोमवार को लोक सभा में पुरानी पेंशन योजना का सवाल उठाया था, जिसके लिखित जवाब में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने बताया राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना बहाली की अधिसूचना जारी कर दी है और कर्मचारियों और राज्य सरकार के अंशदान की PFRDA- पेंशन विनियामक विकास प्राधिकरण में जमा राशि वापस लौटाने का प्रस्ताव दिया है।लेकिन PFRDA ने भी साफ कर दिया है कि इससे संबंधित कानूनों और नियमों में इस राशि को राज्य सरकारों को वापस लौटाने का कोई प्रावधान ही नहीं है।
2004 से बंद है पुरानी पेंशन
बता दें कि पुरानी पेंशन योजना को 1 अप्रैल 2004 को बंद कर दिया गया था। इसकी जगह पर केंद्र की राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) को पेंशन के लिए शुरू किया गया।अब सितंबर में एक बार फिर से राज्य सरकार ने एनपीएस की जगह पुरानी पेंशन योजना लागू करने का फैसला किया है, इसके लिए SOP भी जारी की जा चुकी है, जिसके तहत जिन कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया अप्रैल 2004 से पहले की गई थी, अगर उनका योगदान 1 दिसंबर 2004 के बाद किया जाता है, तो उन्हें अब पुरानी पेंशन योजना लेने का विकल्प मिलेगा।इसका लाभ 1 सितंबर 2022 से दिया जाना था।