नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। ब्रिटिश काल के आदिवासी क्रांतिकारी बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर, 1875 को हुआ था। उनकी जयंती देश में बिरसा मुंडा जयंती के रूप में मनाई जाती है और उसी दिन झारखंड स्थापना दिवस भी मनाया जाता है। झारखंड की स्थापना वर्ष 2000 में बिरसा मुंडा जयंती के दिन हुई थी। बिरसा मुंडा, जो आदिवासी समूह मुंडा से ताल्लुक रखते थे, ने बंगाल निवास (अब झारखंड) में आदिवासी आंदोलन शुरू किया था।
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बिरसा मुंडा का 24 साल की कम उम्र में ही निधन हो गया था, लेकिन उन्होंने आदिवासियों की कल्पना को प्रज्वलित करके एक बड़ा प्रभाव छोड़ा। उन्हें अत्याचारी ब्रिटिश शासकों के खिलाफ लामबंद किया था। उन्होंने “अबुआ राज सेतर जाना, महारानी राज टुंडू जाना” का नारा लगाया था जिसका अर्थ है “रानी का राज्य समाप्त हो जाए और हमारा राज्य स्थापित हो जाए”। ब्रिटिश राज के लिए खतरा पैदा करने वाला यह नारा व्यापक रूप से लोकप्रिय हुआ।
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बिरसा मुंडा को 3 मार्च, 1900 को झारखंड के जामकोपई जंगल में गिरफ्तार किया गया था। जब वह अपनी आदिवासी गुरिल्ला सेना के साथ सो रहे थे। यह टुकड़ी अंग्रेजों के खिलाफ लड़ रही थी। बिरसा मुंडा की 9 जून, 1900 को रांची जेल में मृत्यु हो गई। हालांकि अंग्रेजों ने दावा किया कि उनकी मृत्यु हैजे से हुई, लेकिन उन्होंने कथित तौर पर कभी लक्षण नहीं दिखाए। जिस जेल में उनकी मृत्यु हुई, उसका नाम अब उनके नाम पर रखा गया है।
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आज बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि है। आमजन इसे बलिदान दिवस के रूप में मनाते हैं। सभी बड़े राजनेता, सेलब्रिटी और आमजन उन्हें आज उनके बलिदान को याद करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।