गुजरात के मोरबी में केबल ब्रिज टूटा, 60 से ज्यादा की मौत, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

Diksha Bhanupriy
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मोरबी, डेस्क रिपोर्ट। गुजरात (Gujarat) के मोरबी (Morbi) में मच्छु नदी पर बने केबल ब्रिज के टूटने की खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि जिस वक्त यह हैंगिंग ब्रिज टूटा उस वक्त बड़ी संख्या में लोग यहां पर मौजूद थे। हादसे में अब तक 60 से ज्यादा लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है। घटना के तुरंत बाद प्रशासन और पुलिस रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटा हुआ है। रेस्क्यू ऑपरेशन में सहायता करने के लिए एनडीआरएफ की 2 टीमें गांधीनगर से मोरबी के लिए रवाना हो गई है और राजकोट से भी एसडीआरएफ की टीम यहां पहुंच रही है।

इस हादसे में जिन लोगों के परिवार के सदस्य यहां पर फंसे हुए हैं या लापता हो गए हैं। उनकी जानकारी जुटाने के लिए जिला कलेक्टर कार्यालय की ओर से हेल्पलाइन नंबर 02822 243300 जारी किया गया है। हादसे की जांच के लिए गुजरात सरकार ने 5 लोगों की SIT का गठन भी कर दिया है। 70 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू करने की खबर सामने आ रही है और अधिकतर लोग खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं।

 

हादसे की सूचना मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के साथ बातचीत करते हुए बचाव अभियान तेज करने की बात कही है। प्रधानमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि स्थिति पर बारीकी से निगरानी रखी जाए और लोगों की हर संभव मदद की जाए।

 

इस हादसे को लेकर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का कहना है कि जिन लोगों की जान इस त्रासदी में गई है उनके परिवारों के प्रति मेरी संवेदना है। जिन लोगों की जान इस घटना में गई है उनके परिवार को 4 लाख रुपए और घायल हुए लोगों को 50 हजार की सहायता सरकार द्वारा दी जाएगी।

 

बता दें कि पुल को हाल ही में मरम्मत करने के बाद जनता के लिए खोला गया था लेकिन यह वजन सहन नहीं कर सका और टूट गया। पुल टूट जाने से कई लोग नदी में गिर गए हैं जिन्हें बचाव अभियान चलाकर बाहर निकाला जा रहा है। जो लोग घायल हुए हैं उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक जिस वक्त पुल टूटा उस वक्त वहां पर कई बच्चे और महिलाएं मौजूद थे। घटना के जो फोटो वीडियो सामने आए हैं उसमें देखा जा रहा है कि कुछ लोग पुल टूट जाने के बाद बीच में भी फंसे हुए हैं और ब्रिज को पकड़कर किसी तरह खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।

मच्छु नदी पर बने इस ब्रिज का दो करोड़ रुपए की लागत से जीर्णोद्धार किया गया था और नए साल के मौके पर इसे दर्शकों के लिए खोला गया था। रिनोवेशन के बावजूद इतना बड़ा हादसा हैरानी का विषय है और कई सवाल खड़े कर रहा है। बता दें कि इस ब्रिज का उद्घाटन 20 फरवरी 1879 को किया गया था। उस और उस समय इस ब्रिज को बनाने की लागत 3.5 लाख रुपए आई थी। पुल को बनाने के लिए सामान इंग्लैंड से मंगवाया गया था। इस पुल का निर्माण दरबारगढ़ और नजरबाग को जोड़ने के लिए किया गया था। इस समय ये पुल महाप्रभुजी आसन और समाकांठा को एक दूसरे से जोड़ता है। 140 साल पुराने इस ब्रिज की लंबाई 765 फिट है और यह एक ऐतिहासिक धरोहर है।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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