दरअसल उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में, जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी एक नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जानकारी के अनुसार इस नोटिस में, सभी प्राइवेट कार मालिकों को चुनाव ड्यूटी के लिए उनकी गाड़ी को पुलिस लाइन में जमा करने का आदेश दिया गया है।
वायरल नोटिस में क्या लिखा?
दरअसल नोटिस में यह बताया गया है कि जिला निर्वाचन अधिकारी ने सभी संबंधित कार मालिकों को आदेश दिया है कि वे अपनी गाड़ी को 23 अप्रैल को सुबह 10:00 बजे तक रिजर्व पुलिस लाइन में प्रभारी निर्वाचन अधिकारी (यातायात) के सामने प्रस्तुत करें। नोटिस में इसके साथ ही उन्हें यह भी अनुरोध किया गया है कि वे अपनी गाड़ी को अपने खर्चे पर अच्छी हालत में रखे और अगर कोई नुकसान होता है तो उसकी सूचना भी अधिकारी को देना होगी। इसके अतिरिक्त, सुरक्षित रखने के लिए गाड़ी के लिए तिरपाल जैसी व्यवस्था भी मालिक को करनी होगी।
जानिए क्या कहता है नियम?
वहीं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 160 में विवरणित नियमों के अनुसार, चुनाव से संबंधित कामों के लिए प्रशासनिक और परिवहन सुविधाओं की व्यवस्था होती है। धारा 160 के अनुसार, यदि किसी मतदान केंद्र तक या उसके आसपास मतदान सामग्री या परिवहन की आवश्यकता होती है, तो सरकार लिखित आदेश के माध्यम से व्यक्तियों से उसकी मांग कर सकती है। इसमें पुलिस बल के सदस्यों के लिए भी वाहन, जहाज, या जानवर की व्यवस्था शामिल होती है, जो कार्यकर्ताओं के आवास, संचालन, या अन्य कार्यों के लिए आवश्यक हो सकती है।
धारा 160 की उपधारा 1 के खंड ख में साफ है कि गाड़ी का उपयोग चुनाव से जुड़े कामों के लिए अधिकृत या कानूनी रूप से हो रहा हो तो उस वाहन को प्रशासन नहीं ले सकता है। यह उपधारा वाहन मालिक को संबंधित कानूनी तरीके से स्थापित आदेश के अनुसार अपनी गाड़ी को सुरक्षित रखने का अधिकार प्रदान करता है। अतः, प्रशासन को व्यक्ति की संपत्ति का इस्तेमाल न करने का अधिकार है जब तक कि यह इस उपधारा के अनुसार निर्धारित प्रतिबंधों का पालन न करे।