CBSE Exam: प्रियंका के बाद राहुल गांधी भी उतरे छात्रों के समर्थन में, कही ये बड़ी बात

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।  देश में बढ़ते कोरोना मामलों के बीच अगले महीने से आयोजित वाली सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) की परीक्षाओं को लेकर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भी छात्रों के समर्थन में आ गए हैं उन्होंने परीक्षाओं के आयोजन पर पुनर्विचार की बात कही है। इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने भी सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) परीक्षाओं को लेकर छात्रों का समर्थन किया है और केंद्रीय शिक्षा मंत्री से परीक्षाएं रद्द करने की मांग की है।

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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कर सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) परीक्षाओं पर पुनर्विचार करने की मांग की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि विनाशकारी कोरोना की दूसरी लहर के बीच में  सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) की परीक्षाओं के आयोजन पर पुनर्विचार करना चाहिए। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आगे लिखा  कि कोई भी बड़ा निर्णय लेने से पहले इसके बारे में संबंधितों से विचार विमर्श होना चाहिए।  राहुल गांधी (Rahul Gandhi)ने कहा कि भारत सरकार युवाओं के भविष्य के साथ और कितना खिलवाड़ करेगी ?

राहुल गाँधी ने ये ट्वीट रविवार को दिन में किया इससे पहले उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने भी रविवार को ही ट्वीट किये और केंद्रीय शिक्षा मंत्री आरपी निशंक को एक पत्र भी लिखा जिसमें परीक्षा को लेकर परिजनों और बच्चों की चिंताएँ बताई गई।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने ट्वीट कर कहा मौजूद हालत में स्टूडेंट्स को ऑफ़ लाइन परीक्षा के लिए बाध्य करना गलत है हालात को देखते हुए बोर्ड परीक्षाओं को या तो निरस्त कर देना चाहिए या रद्द कर देना चाहिए। अथवा परीक्षा का आयोजन ऐसे किया जाये कि स्टूडेंट्स भीड़ भाड़ वाले परीक्षा केंद्र में जाने से बच जाएँ।

 

प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ आरपी निशंक (Dr RP Nishank) को पत्र लिखकर सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) के फैसले से चिंतित परिजनों की भावनाओं से अवगत भी कराया है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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