CBSE Exam : स्टूडेंट्स के समर्थन में आईं प्रियंका गांधी, शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। बढ़ते कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के बीच सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) की परीक्षाओं का समय नजदीक आ गया है।  तय परीक्षा कार्यक्रम के अनुसार मई में सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) की परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। खास बात ये है कि ये परीक्षाएं ऑफ़ लाइन (Off line) होंगी जिसे लेकर स्टूडेंट्स की और उनके परिजनों की चिंताएं बढ़ गई है। ऐसे में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) छात्रों के समर्थन में आई हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि मौजूदा हालत में स्टूडेंट्स को ऑफ़ लाइन परीक्षा के लिए बाध्य करना गलत है। प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने एक पत्र केंद्रीय शिक्षा मंत्री को भी लिखा है जिसमें उन्होएँ  परिजनों की चिंता को जाहिर किया है।

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देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बहुत तेजी से बढ़ रही है शनिवार की रिपोर्ट में अब तक के एक दिन में सबसे अधिक 1,52,400 पॉजिटिव मरीज सामने आये हैं। मरीजों की बढ़ती संख्या ने सभी को चिंता में डाल रखा है, खासकर वे परिजन बहुत ज्यादा परेशान हैं जिनके बच्चे सीबीएसई बोर्ड  माध्यम में पढ़ते हैं क्योंकि सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) ने जो घोषणा की है उसके मुताबिक 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं अगले महीने शुरू होंगी और ये ऑफ़ लाइन होंगी यानी बच्चों को परीक्षा केंद्र पर जाकर परीक्षा देनी होगी।

सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) के इस फैसले से चिंतित स्टूडेंट और उनके परिजन लगातार इसका विरोध कर रहे हैं, अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) स्टूडेंट्स के समर्थन में खड़ी हो गई हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने ट्वीट कर कहा मौजूद हालत में स्टूडेंट्स को ऑफ़ लाइन परीक्षा के लिए बाध्य करना गलत है हालात को देखते हुए बोर्ड परीक्षाओं को या तो निरस्त कर देना चाहिए या रद्द कर देना चाहिए। अथवा परीक्षा का आयोजन ऐसे किया जाये कि स्टूडेंट्स भीड़ भाड़ वाले परीक्षा केंद्र में जाने से बच जाएँ।

प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ आरपी निशंक (Dr RP Nishank) को पत्र लिखकर सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) के फैसले से चिंतित परिजनों की भावनाओं से अवगत भी कराया है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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