केंद्र सरकार ने 25 जनवरी को पद्म पुरस्कारों (Padma Awards 2025) का ऐलान कर दिया है। देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान को तीन कैटेगरी में बांटा गया है, इसमें पद्म भूषण, पद्म विभूषण और पद्म श्री शामिल हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 139 पद्म पुरस्कारों की घोषणा की है। इसमें 7 पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्मश्री शामिल हैं।
दिवंगत लोकगायिका शरदा सिन्हा, पूर्व सुजुकी मोटर सीईओ दिवंगत ओसामी सुजुकी, दिवंगत एमटी वसुदेवन नायर, कुमुदिनी रजनीकान्त लखिया, दुव्वुर नागेश्वर रेड्डी और लक्ष्मीनारायण सुब्रमणियम को पद्म विभूषण ने सम्मानित किया गया है।
दिल्ली के डॉक्टर नीरजा भाटला, संगीत शिक्षक पंडित दतचनमूर्ति, फलों के किसान एल हैंगथिंग और कुवैत की योग शिक्षिका शैकहा एजे अल-सबा को पद्म श्री अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। भोजपुर के सामाजिक कार्यकर्ता भीम सिंह भावेश को पद्मश्री मिला है।
एमपी के इन लोगों को किया जाएगा पद्मश्री से सम्मानित
मध्यप्रदेश की 82 वर्षीय सैली होल्कर को पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा। इन्हें “होल्कर आशा के बुनकर” के नाम से भी जाना जाता है। उन्होनें 300 साल पुराने माहेश्वरी हैंडलूं इंडस्ट्री को पुनर्जीवित करने में अहम योगदान दिया है। एमपी के 75 वर्षीय निमादी और हिन्दी लेखक जगदीश जोशीला को भी पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। वह पहले निमादी लेखक हैं। मध्यप्रदेश के “निर्गुण भक्ति के भेरू” भेरु सिंह चौहान को निर्गुण भजन और मालवा संस्कृति में अहम भूमिका निभाने के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। बुधेंद्र कुमार जैन और हरचंदन सिंह भट्टी भी इस लिस्ट में शामिल हैं।
यहां देखें पद्मश्री विजताओं की पूरी लिस्ट
- स्वतंत्रता सेनानी लीबिया लाबो सरदेसाई (गोवा)
- गोकुल चंद्र दास, माँ दुर्गोंर ढाकी दास (पश्चिम बंगाल)
- महाराष्ट्र के अरण्या ऋषि मारुति भुजंगारो चितमपल्ली (महाराष्ट्र)
- बातूल बेगम, भाजानो की बेगम (राजस्थान)
- वेलु आसान (Prince of Percussion) तमिलनाडु
- परमार लावजीभाई नागजीभाई (गुजरात)
- भीमाव्वा डोड्डाबालप्पा शिलेकयथरा
- विजयलक्ष्मी देशामने
- चैत्रम देवचंद पवार (महाराष्ट्र)
- पानड़ी राम मांडवी (छतीसगढ़)
- राधा बहिन भट्ट (उत्तराखंड)
- नरें गुरुङ (सिक्किम)
- हरिमान शर्मा (सेब सम्राट) हिमाचल प्रदेश
- जुमड़े योमगम गैमलीन (अरुणाचल प्रदेश)
- विलास डँगरे (महाराष्ट्र)
- जोनस मसेट्टी, ब्राजील के वेदान्तु गुरु
- पी दतचानामूर्ति, थैविल थलाइवा
- ह्यूग और कॉलेन गंतजेर
- हरवीन्द्र सिंह, कैथल का एकलव्य (हरियाणा)