किसानों को दिवाली का बड़ा तोहफा, केंद्र सरकार ने 6 फसलों की एमएसपी में किया इजाफा, 2014 के बाद गेहूं के मूल्य में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी

Shashank Baranwal
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Government Hike MSP

Government Hike MSP: केंद्र सरकार ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के पहले किसानों को दिवाली का बड़ा तोहफा दिया है। केंद्र सरकार ने बुधवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक की। जिसमें सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने रबी की 6 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में इजाफा करने के फैसले को मंजूरी की जानकारी दी। इन फसलों गेहूं, सरसों, कुसुम, मसूर, चना और जौ की फसले शामिल हैं। बता दें एमएसपी में 2 फीसदी से लेकर 7 फीसदी तक सरकार ने इजाफा किया गया है।

सरकार ने एमएसपी में इतना किया इजाफा

कैबिनेट की बैठक में केंद्र सरकार ने सबसे ज्यादा इजाफा मसूर के एमएसपी में 425 रुपए/ क्विंटल की है। जबकि सरसों और रेपसीड के लिए एमएसपी में 200 रुपए/ क्विंटल, गेहूं के एमएसपी में 150 रुपए/ क्विंटल, कुसुम के एमएसपी में 150 रुपए/ क्विंटल चना के एमएसपी में 105 रुपए/ क्विंटल और जौ के एमएसपी में 115 रुपए/ क्विंटल का इजाफा करने की मंजूरी दे दी है।

बाजार सत्र 2024-2025 के लिए इतना हुआ मूल्य

एमएसपी में इजाफा होने के बाद बाजार सत्र 2024-2025 में जौ का नया मूल्य 1850 रुपए/ क्विंटल, चने का मूल्य 5440 रुपए/ क्विंटल, मसूर का मूल्य 6425 रुपए/ क्विंटल, सरसों और रेपसीड का नया मूल्य 5650 रुपए/ क्विंटल, कुसुम का मूल्य 5880 रुपए/ क्विंटल और गेहूं का मूल्य 2275 रुपए/ क्विंटल हो जाएगा। आपको बता दें केंद्र की मोदी सरकार ने 2014 के बाद गेहूं के समर्थन मूल्य में अभी तक का सबसे ज्यादा इजाफा किया है।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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