Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि के चौथे दिन करें मां कूष्मांडा की पूजा, जानिए शुभ मुहूर्त, मंत्र और उपाय

Sanjucta Pandit
Published on -
Maa Kushmanda

Chaitra Navratri 2023 Day 4 : चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार, मां कूष्मांडा को सौरमंडल की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है और उन्हें नवरात्रि के दौरान नौ देवियों में से एक के रूप में पूजा जाता है। इसके अलावा, मां कूष्मांडा के बारे में कहा जाता है कि वे ब्रह्माण्ड की रचना करने वाली देवी हैं जिसने संसार की उत्पत्ति के समय अपनी मधुर मुस्कान से जगत की उत्पत्ति की थी। उन्हें अनंत स्वरूप, अनंत शक्ति और अनंत कारुण्य से संबंधित माना जाता है।

Chaitra Navratri 2023

पूजा के शुभ मुहूर्त

  • 24 मार्च को दोपहर 03 बजकर 29 मिनट पर शुरू
  • 25 मार्च दोपहर 02 बजकर 53 मिनट पर समापन
  • रवि योग- सुबह 06 बजकर 15 मिनट से सुबह 11 बजकर 49 मिनट तक

जानें मां कूष्मांडा की पूजन विधि

  1. पूजा के लिए एक शुद्ध स्थान चुनें, जो स्वच्छ और आरामदायक हो।
  2. कलश स्थापित करें और उसमें नारियल, सुपारी, फूल और अक्षत भर दें।
  3. मां कूष्मांडा की पूजा के लिए अपने आवश्यक सामग्री को तैयार करें। इसमें दीपक, अगरबत्ती, कलश, फूल, अक्षत, नैवेद्य, वस्त्र, धूप, लाल चंदन, हल्दी, कुमकुम आदि शामिल हो सकते हैं।
  4. पूजा की शुरुआत करने से पहले, गणेश जी की पूजा करें और उन्हें प्रणाम करें। फिर मां कूष्मांडा के लिए पूजा शुरू करें।
  5. मां कूष्मांडा के विभिन्न मंत्रों का जप करें।
  6. मां कूष्मांडा को नैवेद्य चढ़ाएं। इसमें मिठाई, फल, और पूजा में उपयोग की जाने वाली अन्य चीजें शामिल हो सकती हैं।
  7. मां कूष्मांडा की पूजा को समाप्त करने से पहले, उन्हें प्रणाम करें और उनसे अपनी मनोकामनाएं मांगें।
  8. फिर प्रसाद को धर्मिक रूप से वितरित करें।

मां कूष्मांडा की कृपा पाने के उपाय

  • मां कूष्मांडा के मन्त्र का जाप करें: “ॐ ह्रीं क्लीं कूष्माण्डायै नमः” इस मन्त्र का नियमित जाप करने से मां कूष्मांडा की कृपा प्राप्त होती है।
  • मां कूष्मांडा के मंदिर में जाएं: मां कूष्मांडा के मंदिर में जाकर पूजा और ध्यान करने से भी उनकी कृपा प्राप्त होती है।
  • साधना करें: अपने शुभ इच्छाओं की प्राप्ति के लिए मां कूष्मांडा की साधना कर सकते हैं। इसके लिए आप स्थानीय पंडित से संपर्क कर सकते हैं।
  • दान करें: दान देकर अन्यों की सेवा करने से भी मां कूष्मांडा की कृपा प्राप्त होती है।
  • श्रद्धा से ध्यान करें: मां कूष्मांडा की श्रद्धापूर्वक ध्यान करने से भी उनकी कृपा प्राप्त होती है।

मां कूष्मांडा की कथा

मां कूष्मांडा की कथा विभिन्न पुराणों में वर्णित है। इसकी एक प्रसिद्ध कथा महाभारत के उद्योगपर्व में वर्णित है। कुरुक्षेत्र युद्ध से पहले अर्जुन ने भगवान कृष्ण से युद्ध करने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने सब रिश्तेदारों और गुरुओं को मारने के लिए तैयार नहीं हैं। इस पर भगवान ने अर्जुन को संजय की मदद से मां कूष्मांडा की पूजा करने की उपदेश दिया।

उस दिन देवी के मन्दिर में अर्जुन ने धार्मिक रीति से पूजा की और देवी से अनुरोध किया कि वह उनकी मदद करें। उस दिन से देवी मां कूष्मांडा ने उन्हें अपनी कृपा दर्शाई और उन्हें जीत के लिए सक्षम बनाया।

अन्य कथाओं में भी मां कूष्मांडा को शक्ति का प्रतीक माना जाता है जो समस्त ब्रह्मांड को निर्माण करती है। वे जीवन-मृत्यु का अंतिम समय निर्धारित करती हैं और सृष्टि की उत्पत्ति के लिए शक्ति देती हैं।

मां कूष्मांडा की आरती

कूष्मांडा जय जग सुखदानी।
मुझ पर दया करो महारानी॥

पिगंला ज्वालामुखी निराली।
शाकंबरी माँ भोली भाली॥

 

लाखों नाम निराले तेरे ।
भक्त कई मतवाले तेरे॥

भीमा पर्वत पर है डेरा।
स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥

सबकी सुनती हो जगदंबे।
सुख पहुँचती हो माँ अंबे॥

तेरे दर्शन का मैं प्यासा।
पूर्ण कर दो मेरी आशा॥

माँ के मन में ममता भारी।
क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥

तेरे दर पर किया है डेरा।
दूर करो माँ संकट मेरा॥

मेरे कारज पूरे कर दो।
मेरे तुम भंडारे भर दो॥

तेरा दास तुझे ही ध्याए।
भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥

मां कूष्मांडा का भोग

  1. माता के भोग के लिए मिठाई बनाई जाती है जो छोटे छोटे लड्डू, पुड़ी, बर्फी, गुड़, शकरपारा, गुलाब जामुन आदि शामिल हो सकते हैं।
  2. फल भी मां कूष्मांडा के भोग में शामिल होते हैं। आप अपनी पसंद के अनुसार अन्य फलों को भी शामिल कर सकते हैं।
  3. मां कूष्मांडा को नारियल पानी भी बहुत पसंद होता है। नारियल पानी को एक बड़े नारियल को खोलकर निकाल लें और उसे भोग में रखें।
  4. मां कूष्मांडा के भोग में दूध भी शामिल किया जा सकता है। आप दूध से कुछ मिठाई बना सकते हैं जैसे कि रबड़ी, केसरी दूध, श्रीकंठ आदि।
  5. चना भी मां कूष्मांडा को बहुत पसंद होता है। आप चने को भूनकर, मसालों के साथ पका कर भोग में रख सकते हैं।

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं अलग-अलग जानकारियों पर आधारित हैं। MP Breaking News इनकी पुष्टि नहीं करता है।)


About Author
Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

Other Latest News