CM Dr. Mohan Yadav : कभी पीएम श्री एंबुलेंस से मरीज का इलाज, कभी पीएम श्री पर्यटन सेवा से प्रदेश की जनता के लिए सुगम यातायात की व्यवस्था, कभी कुंभ स्नान के लिए माँ शिप्रा की शुद्धता का संकल्प, कभी परिवहन ऑपरेटरों की मांग पर चेक पोस्ट हटाने की बात, कभी ड्राइवर से बदतमीजी करने वाले आईएएस को सज़ा, कभी घोटाले करने वालों की बर्खास्तगी, कभी लापरवाह अधिकारियों का स्थानांतरण तो कभी अच्छा प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों की नियुक्ति की सूची, कभी प्रदेश के हर शहीद को कोटि-कोटि नमन, कभी युवाओं को नौकरी देने के लिए लगातार जतन, मुख्यमंत्री यादव जी एक ही तो दिल है, आख़िर कितनी बार जीतेंगे…
इतने सब के बाद शनिवार को सीहोर के 5 साल के लव्यांश के लिए जो मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया, निश्चित तौर पर वह कोई अति संवेदनशील मुखिया ही कर सकता है। जब माता पिता को ऐसा लगा कि उनका यह नन्हा सा संसार अब पल भर में उजड़ जाएगा तब मुख्यमंत्री मोहन यादव मानों काल के आगे खड़े हो गए। जैसे ही मुख्यमंत्री यादव के संज्ञान में यह बात आई कि लव्यांश का लिवर ट्रांसप्लांट होना है और इसके अलावा उसके उपचार का और कोई तरीका नहीं बचा है तब माता-पिता की करुण पुकार पर सीएम मोहन यादव ने तत्काल सहायता के निर्देश दिए। यह निर्देश नहीं बल्कि आशीर्वाद था सीएम यादव का उस बालक के लिए।
निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जो निर्णय, जो संवेदनशीलता, जो जनकल्याण का बीड़ा, मोदी के विकसित भारत और मोहन के विकसित मध्य प्रदेश के मंत्र को लगातार सिद्ध किया है उसे देखकर ऐसा लगता है मानों सरकार 6 महीने की नहीं बल्कि कई दशक की है। और यही कारण है कि आज मुख्यमंत्री मोहन यादव अल्प समय में ही देशभर में अपनी अमिट छाप, प्रदेश के हर एक नागरिक के मन में अपना स्थान बनाने में सफल हुए हैं।