खुशखबरी! अगर आप है पुरुष सरकारी कर्मचारी तो आप भी ले सकते है Child Care Leave,जानिए कैसे

Gaurav Sharma
Published on -
child-care-leave-for-single-father

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। अगर आप सिंगल पैरेंट (single parent) है और पुरुष (male) है तो आपके लिए एक खुशखबरी है। अब पुरुष सरकारी कर्मचारी (male government employee) जो अकेले बच्चे का ख्याल रख रहे है वो चाइल्ड केयर लीव (child care leave) के हकदार हैं, ये जानकारी केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Union Minister Jitendra Singh) ने दी है।

कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (Department of Personnel and Training(DoPT)) द्वारा लाए गए सुधारों पर, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार के पुरुष कर्मचारी भी अब चाइल्ड केयर लीव(child care leave) के हकदार हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि सीसीएल (CCL) का प्रावधान और विशेषाधिकार (Provisions and rights) केवल उन पुरुष कर्मचारियों के लिए उपलब्ध होगा जो “एकल पुरुष माता-पिता (Single male parent)” के रूप में होते हैं, जिसमें पुरुष कर्मचारी (male employee) शामिल हो सकते हैं, जो विधुर(Widower) या तलाकशुदा (Divorced) या अविवाहित (unmarried) हैं, जो अपने बच्चे की जिम्मेदारी अकेले निभा रहे है।

 

केंद्रीय सरकार के तहत कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) द्वारा लाए गए कुछ प्रमुख सुधारों के बारे में जानकारी देते हुए, केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उत्तर पूर्वी क्षेत्र का विकास (DoNER), MoS PMO, कार्मिक, सार्वजनिक शिकायतें, पेंशन , एटॉमिक एनर्जी एंड स्पेस, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार के पुरुष कर्मचारी भी अब चाइल्ड केयर लीव के हकदार हैं। जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस बारे में आदेश कुछ समय पहले जारी किए गए थे, लेकिन किसी तरह से लोगों में इस सार्वजनिक नहीं किया गया था।

खुशखबरी! अगर आप है पुरुष सरकारी कर्मचारी तो आप भी ले सकते है Child Care Leave,जानिए कैसे

केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि चाइल्ड केयर लीव (child care leave) पर एक कर्मचारी अब सक्षम प्राधिकारी की पूर्व स्वीकृति के साथ हेड क्वार्टर छोड़ सकता है। इसके अलावा, चाइल्ड केयर लीव (child care leave) पर होने पर भी कर्मचारी द्वारा लीव ट्रैवल कंसेशन (LTC) का लाभ उठाया जा सकता है। आगे विस्तार से, उन्होंने बताया कि चाइल्ड केयर लीव (child care leave) को पहले 365 के लिए 100% लीव सैलरी दी जा सकती है। अगले 365 दिनों के लिए छुट्टी के वेतन का 80 प्रतिशत हिस्सा है।

ये भी पढ़े- अब Jammu-Kashmir, Ladakh में कोई भी खरीद सकता है जमीन- केंद्र सरकार, उमर अब्दुल्ला ने जताई आपत्ति

डॉ जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि इस संबंध में एक और कल्याणकारी उपाय यह है कि एक विकलांग बच्चे के मामले में, 22 वर्ष की आयु तक के बच्चों की देखभाल करने की शर्त को हटा दिया गया है और अब चाइल्ड केयर लीव(child care leave) का लाभ उठाया जा सकता है। किसी भी उम्र के विकलांग बच्चे के लिए सरकारी कर्मचारी। उन्होंने कहा कि पिछले छह वर्षों में DoPT में कई आउट-ऑफ-द-बॉक्स निर्णय लेना संभव है।

डॉ जितेंद्र सिंह ने आगे बताया कि इस संबंध में एक और कल्याणकारी निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के तहत एक विकलांग बच्चे के मामले में, 22 वर्ष की आयु तक के बच्चों की देखभाल करने की शर्त को हटा दिया गया है। अब सरकारी कर्मचारी चाइल्ड केयर लीव का लाभ किसी भी उम्र के विकलांग बच्चे के बता दें कि चाइल्ड केयर लीव आमतौर पर महिला कर्मचारियों को दी जाती है। यह पूरी सेवा के दौरान अधिकतम दो वर्ष की अवधि के लिए हो सकता है, इससे पहले कि उनका बच्चा 18 वर्ष की आयु तक ना पहुंच जाए।

इसे अर्जित अवकाश के रूप में माना जाता है। लेकिन इसे एक ही साल में तीन बार से ज्यादा नहीं दिया जा सकता है। इस अवकाश के लिए योग्य एकल सरकारी कर्मचारियों को 2018 में पारित करने का आदेश दिया गया था, लेकिन जैसा कि मंत्री ने कहा कि नीति के बारे में लोगों को ज्यादा जागरूकता नहीं है। छुट्टी के कुल 730 दिनों में से कर्मचारियों को पहले 365 दिनों के दौरान पूरा वेतन मिलता है और अगले 365 दिनों में वेतन का 80 प्रतिशत।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News