महाराष्ट्र चुनावों में हुई गड़बड़ियों को लेकर कांग्रेस नेताओं ने चुनाव आयोग से की विस्तार से चर्चा, की ये बड़ी मांग

महाराष्ट्र में बहुत बड़ी मात्रा में वोटरों की कमी हुई है। हमें इसके बूथ और निर्वाचन क्षेत्र के आधार पर डाटा चाहिए, जो अभी मौजूद नहीं है।

Atul Saxena
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Congress leaders

Congress leaders discussed with Election Commission :महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा के समर्थन वाले गठबंधन की जीत के बाद से से कांग्रेस में उथल पुथल मची हुई है, इस संदेह को बल उस अक्रन से और मिल रहा है जब लोग गड़बड़ियों की खुलकर वीडियो बनाकर शिकत कर रहे हैं, अब कांग्रेस ने इसे लेकर आज चुनाव आयोग से मुलाकत की और एक चार बिन्चुओं वाला एक पत्र सौंपा।

कांग्रेस प्रतिनिधिमंडलके नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ वकील, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने मुलाकात के बाद मीडिया को बताया कि हमने चुनाव आयोग से बहुत विस्तृत चर्चा की है। अगर चुनाव लेवल प्लेइंग फील्ड पर न हो तो लोकतंत्र और संविधान के मूल ढांचे पर आघात होता है। हमारे जो मुख्य बिंदु थे, चुनाव आयोग को उसका डाटा जारी करना चाहिए।

कांग्रेस ने चुनाव आयोग से इन चार बिन्दुओं पर मांगी जानकारी

  • महाराष्ट्र में बहुत बड़ी मात्रा में वोटरों की कमी हुई है। हमें इसके बूथ और निर्वाचन क्षेत्र के आधार पर डाटा चाहिए, जो अभी मौजूद नहीं है। उससे पता चलेगा कि महाराष्ट्र में इतनी बड़ी संख्या में जो मतदाताओं को कम किया गया, उसका कारण क्या है।
  • लोक सभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के बीच 5 महीने में करीब 47 लाख वोटरों को जोड़ा गया। इसका आधार क्या है? हमें इसका डाटा चाहिए।
  •  चुनाव आयोग के खुद के दिए गए आंकड़ों के आधार पर महाराष्ट्र में शाम 5 बजे वोटर टर्नआउट 58.22%, रात के 11:30 बजे 65.02% और दो दिन बाद 67% बताया गया। हमें जवाब मिला कि वोटर टर्नआउट एक अलग प्रक्रिया है और 17C एक अलग प्रक्रिया है।
  •  118 ऐसे निर्वाचन क्षेत्र हैं जहां लोक सभा और विधानसभा के बीच 25,000 ज्यादा वोटों का अंतर है। जिनमें ज्यादातर जगह सत्तारूढ़ पार्टी की जीत हुई है।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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