MP, छत्तीसगढ़, राजस्थान में नए चेहरों को CM बनाने पर कांग्रेस का तंज, कहा-“यह भाजपा के क्षेत्रीय क्षत्रपों का अंत है”

Atul Saxena
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Congress taunts BJP new faces CM in MP, Chhattisgarh, Rajasthan : भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में नए चेहरों को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपकर ना सिर्फ देश को चौंका दिया है बल्कि 2024 के लिए अपनी एक नई रणनीति की तरफ इशारा किया है,  हालांकि इससे कार्यकर्ताओं में ये संदेश देने में भी भाजपा सफल हुई है कि ये वो पार्टी है जो एक सामान्य कार्यकर्ता को भी मुख्यमंत्री बना सकती है, लेकिन कांग्रेस को भाजपा की रणनीति समझ नहीं आ रही, उसने तंज कसते हुए कहा कि यह भाजपा के क्षेत्रीय क्षत्रपों का अंत है।

भाजपा के फैसले पर क्या कहकर तंज कसा कांग्रेस ने?

कांग्रेस के सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म की चेयर पर्सन सुप्रिया श्रीनेत ने आज बुधवार को ट्वीट कर भाजपा के  फैसले पर तंज कसा है, सुप्रिया श्रीनेत ने लिखा – “यह भाजपा के क्षेत्रीय क्षत्रपों का अंत है, जो कोई भी पीएम नरेंद्र मोदी के लिए चुनौती बन सकता है, उसको निपटाया जाएगा। चुने हुए विधायक नहीं बल्कि दिल्ली में 2 लोगों का फ़ैसला ही थोपा जाएगा।”

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आडवाणी, जोशी, सिन्हा, शौरी को लेकर क्या बोली कांग्रेस?

कांग्रेस प्रवक्ता ने लिखा – “यह मुख्यमंत्री कठपुतलियों की तरह इनके इशारे पर चलेंगे और जब साहेब का मन आएगा इनमें से कोई भी कभी भी निकाल दिया जाएगा – जैसा कि उत्तराखंड, गुजरात, असम जैसे अनेक राज्यों में हुआ, भाजपा के अंदर लोकतंत्र पूरी तरह से ख़त्म है और पार्टी के नाम पर दो लोगों की मनमर्ज़ी चलती है। ख़ैर जिसने आडवाणी, जोशी, सिन्हा, शौरी जैसों को मार्गदर्शक मंडल में खदेड़ दिया – उनके लिए यह कौन सी बड़ी बात है।”

भाजपा ने किन नए चेहरों को बनाया है एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में CM?

गौरतलब है कि भाजपा ने छत्तीसगढ़ में रमन सिंह और अन्य दावेदारों के नाम को नजरंदाज कर विष्णु देव साय को मुख्यमंत्री बनाया, मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रह्लाद पटेल, नरेंद्र सिंह तोमर जैसे बड़े नामों की चर्चा के बीच डॉ मोहन यादव को आगे ला कर मुख्यमंत्री बना दिया और राजस्थान में वसुंधरा राजे सिंधिया जैसे बड़े और अनुभवी नाम सहित कई दिग्गजों के नामों को छोड़कर पहली बार के विधायक भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाकर देश के लोगों को चौंका दिया है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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