Brics Summit: 22 से 24 अगस्त तक दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाने वाला है। जोहांसबर्ग में होने वाले इस सम्मेलन पर दुनिया भर की नजरे टिकी हुई है, क्योंकि इसमें कई ऐसे एजेंडे पर बात की जा सकती है, जो विश्व की राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था को काफी प्रभावित करने वाले हैं।
इस सम्मेलन में 45 देश एक साथ इकट्ठा होने वाले हैं। वहीं 8 ऐसे देश हैं, जिन्होंने शामिल होने का आग्रह किया है। इस सम्मेलन को लेकर अमेरिका थोड़ा चिंता में भी है क्योंकि यहां मुद्रा व्यापार पर भी चर्चा होगी, जो डॉलर की मांग पर असर डाल सकती है।
BRICS का एजेंडा
मंगलवार से शुरू होने वाले सम्मेलन में ब्रिक्स के विस्तार पर चर्चा की जाएग। साथ ही साथ मुद्रा व्यापार पर भी चर्चा होगी। दुनियाभर के कई देशों के बीच होने वाले इस सम्मेलन में वैसे तो, कई मुद्दों पर चर्चा की जाने वाली है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण संगठन का विस्तार है। साथ ही स्थानीय मुद्रा का किस तरह से इस्तेमाल किया जाए ये भी एक प्रमुख एजेंडा है।
BRICS में भारत
ब्रिक्स के विस्तार पर पिछले 2 सालों से चर्चा की जा रही है। 21वीं सदी को आधुनिक होती दुनिया को देखते हुए सभी विकासशील देशों ने मिलकर इसके विस्तार का फैसला लिया है। इस सम्मेलन में भारत की बात करें तो रचनात्मक रवैया अपनाते हुए पहली पहल देश की ओर से ही की गई थी। वहीं स्थानीय मुद्रा में ट्रेडिंग का जो अहम मुद्दा इसमें शामिल है भारत इस संबंध में पहले से ही कदम बढ़ा चुका है।
खास होगा सम्मेलन
इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए जाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 40 सालों में पहले पीएम हैं। इस सम्मेलन में ग्लोबल साउथ के विकास से संबंधित कई अहम मुद्दे हैं और हमेशा से पीएम मोदी में ये कहा है कि समस्या और चुनौतियों का समाधान सामूहिक रूप से मिलकर ही सामने आएगा।
विश्व भर में फैली महामारी के बाद यह पहली बार है जब तमाम देशों के बड़े नेता एक दूसरे से सामूहिक रूप से मिलने वाले हैं। वहीं यह प्रधानमंत्री मोदी का तीसरा दक्षिण अफ्रीका का दौरा है। साथ ही ये दोनों देशों के राजनयिक संबंधों को वर्षगांठ भी है। पीएम मोदी यहां अपने कई विचार पेश करेंगे।