पुरानी पेंशन योजना की मांग तेज, केंद्र सरकार का स्पष्टीकरण, वित्त मंत्री का बड़ा बयान, जानें कैसे मिलेगा पेंशन योजना का लाभ

Kashish Trivedi
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Old Pension Scheme : कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया गया है। वहीं केंद्र सरकार के कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना की मांग कर रहे हैं। केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनर्स सहित अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के नेतृत्व में अधिकारियों द्वारा कैबिनेट सचिव राजीव गौबा से संपर्क कर पुरानी पेंशन योजना को लागू कर राष्ट्रीय पेंशन योजना को रद्द करने की मांग की गई है।

कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को लिखे पत्र में कहा गया कि केंद्र की नव नीतियों ने देश के सिविल सेवा को गहरे संकट में डाल दिया है। संगठन का कहना है कि सरकारी कर्मचारियों के लिए परिभाषित लाभ पेंशन योजनाएं, पुरानी पेंशन योजना लाभार्थी में से किसी भी आर्थिक योजना के बिना एक अच्छी तरह से निर्मित और सबसे अच्छे सामाजिक सुरक्षा योजना है।

कर्मचारियों की मांग 

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एनपीएस को रद्द कर पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग की गई है। कई राज्य सरकारों द्वारा भी पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया गया है। कई राज्य में इसे लागू करने की तैयारी की जा रही है। इसी बीच वित्त राज्य मंत्री भगवत कराड ने मंगलवार को राज्यसभा में नवीन जानकारी दी है। जिसमें कहा गया कि 2004 से सेवा में शामिल होने वाले सभी कर्मचारियों के लिए गए अंशदाई पुरानी पेंशन योजना को वापस करने की केंद्र की कोई योजना नहीं है।

वित्त मंत्री का बड़ा बयान

वित्त मंत्री ने कहा कि समय-समय पर अभ्यावेदन प्राप्त हुए जिसमें पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए अनुरोध शामिल हुआ। 1 जनवरी 2004 या उसके बाद भर्ती केंद्र सरकार के कर्मचारियों के संबंध में पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए भारत सरकार के पास फिलहाल कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

वित्त मंत्री ने कहा कि एनपीएस को सरकार द्वारा परिभाषित अंशदान पेंशन योजना द्वारा परिभाषित लाभ पेंशन प्रणाली को बदलने के लिए पेश किया गया था। वही इस पेंशन योजना से वित्तीय रूप से स्थाई तरीके से वृद्धावस्था सुरक्षा प्रदान की जा सके और विवेक पूर्ण निवेश के माध्यम से अर्थव्यवस्था को भी चैनलाइज किया जा सके।

NPS में समय-समय पर हुए बदलाव 

वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र ने अपने कर्मचारियों के लिए एनपीएस को कारगर बनाने और ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। वेतन के पहले के 10% से सरकार के योगदान को बढ़ाकर 14% किया गया। इसके साथ ही पेंशन फंड के चयन की स्वतंत्रता और सब्सक्राइबर के लिए निवेश के पैटर्न सहित योगदान के विलंब जमा के मुआवजे का भुगतान भी इसमें शामिल किया गया है।

इसके साथ ही नई पेंशन योजना के आंकड़ों के तहत 2004 और 2012 आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 सी के तहत उन्हें कर छूट दी गई है और निकासी पर एकमुश्त निकासी के लिए कर छूट की सीमा में भी वृद्धि की गई है। राशि के पहले के 40% से 60% तक की पूरी निकासी का लाभ दिया गया है।

केंद्रीय कर्मचारियों द्वारा पुरानी पेंशन योजना की मांग को देखते हुए एक बार फिर से वित्त मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि देश में पुरानी पेंशन योजना को लागू नहीं किया जाएगा और सरकार के पास फिलहाल ऐसे कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। इससे पहले सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि पीएफआरडीए में जमा राशि राज्य सरकारों को वापस नहीं की जाएगी। यह राशि कर्मचारियों को वापस की जाएगी।


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