E-Passports in India : भारत जल्द ही पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (PSP-Version 2.0) के दूसरे चरण की शुरुआत करने जा रहा है, जिसमें नए और अपग्रेडेड ई-पासपोर्ट शामिल होंगे। ई-पासपोर्ट के माध्यम से विदेश यात्रा सरल और सुगम होगी। इससे पहचान की चोरी से सुरक्षा भी मजबूत होगी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पासपोर्ट सेवा दिवस के अवसर पर इस घोषणा की है। उन्होंने कहा कि हम नए और अपग्रेडेड ई-पासपोर्ट के साथ पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम वर्जन 2.0 की शुरुआत करेंगे। इस पहल के माध्यम से प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण में नागरिकों के लिए ‘ईज ऑफ लिविंग’ को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है और यह पहल ‘EASE’ की शुरुआत करेगी।
ऐसे करेगा काम
ई-पासपोर्ट नॉर्मल फिजिकल पासपोर्ट की तरह ही काम करेगा लेकिन इसमें एक छोटी सी इलेक्ट्रॉनिक चिप होगी। यह चिप पासपोर्ट होल्डर की महत्वपूर्ण विवरणों जैसे नाम, पता, और अन्य जानकारी को संग्रहीत करेगी। ई-पासपोर्ट रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) चिप का उपयोग करेगा और इसके बैक कवर पर एंटीना भी होगा। इससे अधिकारिक यात्री की विवरणों को तुरंत सत्यापित किया जा सकता है। यह फेक पासपोर्ट को कम करने और डेटा को तबाह करने के चांस को भी कम कर सकता है।
ई-पासपोर्ट के लाभ
- ई-पासपोर्ट को स्कैन करने के लिए केवल कुछ ही सेकेंड की आवश्यकता होती है, इसलिए यात्री को लंबी कतार में खड़ा होने की जरूरत नहीं पड़ती है।
- ई-पासपोर्ट में व्यक्ति के बायोमेट्रिक रिकॉर्ड (जैसे कि उंगली के निशान, आंख की स्कैन) संग्रहित होते हैं, जो पासपोर्ट की पहचान को मजबूत बनाते हैं।
- ई-पासपोर्ट में चिप होता है जो डेटा को सुरक्षित रखता है और डेटा चोरी या डुप्लीकेट पासपोर्ट के बनाने से रोकता है।
- चिप पासपोर्ट के साथ छेड़छाड़ करने पर पासपोर्ट की प्रमाणिकता की जांच विफल हो जाती है, जो अवैध पहचान के प्रयासों को रोकता है।
- ई-पासपोर्ट में रखे गए डेटा को कोई भी आसानी से मिटा नहीं सकता है, जिससे यात्री की जानकारी सुरक्षित रहती है।
ई-पासपोर्ट की खासियत
- वैलिडिटी: ई-पासपोर्ट की वैलिडिटी आमतौर पर 5 या 10 साल की होती है, जो आवेदक की उम्र पर निर्भर करती है।
- जनसांख्यिकीय जानकारी: ई-पासपोर्ट में यात्री की जनसांख्यिकीय जानकारी (जैसे कि नाम, जन्मतिथि, राष्ट्रीयता) संग्रहित होती है।
- बायोमेट्रिक जानकारी: यात्री के ई-पासपोर्ट में उनकी बायोमेट्रिक जानकारी शामिल होती है, जिसमें उंगली के निशान, आंख की स्कैन और अन्य जानकारी शामिल होती है।
- फिंगरप्रिंट: ई-पासपोर्ट में यात्री के हाथ की सभी 10 उंगलियों के फिंगरप्रिंट संग्रहित होते हैं।
- आईरिस स्कैन: यात्री का ई-पासपोर्ट आईरिस स्कैन के लिए उपयोग किया जा सकता है, जिससे उनकी आंख की पहचान संभव होती है।
- रंगीन फोटो: यात्री का ई-पासपोर्ट में रंगीन फोटो संग्रहित होता है, जो पासपोर्ट की पहचान के लिए उपयोग होता है।
- डिजिटल सिग्नेचर: यात्री का ई-पासपोर्ट डिजिटल सिग्नेचर संग्रहित कर सकता है, जिससे उनकी पहचानी जा सकती है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना अलग-अलग जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)