OPS 2023 , Old Pension Scheme, Employees OPS Benefit :
राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया गया है। पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के साथ ही वित्तीय बोझ का मामला सामने आने लगा है। जिसके लिए सरकार द्वारा नई तैयारी की जा रही है। सरकार द्वारा वित्तीय बोझ से बचने के लिए विशेष पेंशन फंड बनाने का फैसला किया गया है।
तैयार की जा रही गाइडलाइन
दरअसल झारखंड में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया गया है। सरकार की घोषणा के अनुसार योजना के लागू होने के साथ ही विशेष पेंशन फंड बनाने का फैसला किया गया है। जिसमें 10000 करोड़ रुपए जमा किए जाएंगे। विशेष पेंशन फंड में जमा होने वाली राशि आरबीआई के पास जमा होगी। जिसके लिए है। 2023 के लिए इसमें सात सौ करोड़ रुपए जमा किए जाने की योजना बनाई गई है।
फंड में हर साल जमा होगी राशि
इसके लिए राज्य सरकार द्वारा बजट भी आवंटित किया जा चुका है। वहीं नई पेंशन योजना से पुरानी पेंशन योजना में शामिल किए गए कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर सरकार द्वारा विशेष पेंशन फंड से ही उन्हें पेंशन का भुगतान किया जाएगा। नई तैयारी के तहत अब अंशदाई पेंशन योजना की तरह ही राज्य सरकार विशेष पेंशन फंड तैयार करेगी और इसमें राशि जमा करेगी। जानकारी देते हुए वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव का कहना है कि पुरानी पेंशन योजना लागू होने के बाद राजकोष पर वित्तीय बोझ नहीं पड़े। इसके लिए विशेष पेंशन फंड बनाने की तैयारी की जा रही है। इस साल 700 करोड़ रुपए जमा किए जाएंगे। इस फंड में हर साल राशि जमा होगी। वही गाइडलाइन बनाने का काम भी शुरू किया जा चुका है।
2035 से पेंशन पर आठ हजार करोड़ रुपए से अतिरिक्त बोझ बढ़ने की संभावना
इससे पूर्व 1 नवंबर 2022 को झारखंड में पुरानी पेंशन योजना को लागू किया गया था। इससे पहले दिसंबर 2004 के बाद नियुक्त हुए कर्मचारी OPS के दायरे में आ गए हैं। हालांकि सरकार द्वारा कर्मचारियों की मांग पर उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया गया है। पुरानी पेंशन योजना के लिए हर साल करीब 8000 करोड़ रुपए राज कोष से खर्च होने वाले हैं। वही इस समय करीब 70000 स्थाई राज्य कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना में है। प्रदेश के 1.25 लाख कर्मचारियों को नई पेंशन स्कीम से पुरानी पेंशन योजना में शामिल किया गया है। जिसके बाद पेंशन आदि पर 175 करोड़ रुपए के साथ 30 करोड़ सालाना पेंशन का दायित्व बढ़ेगा। वहीं 2035 से पेंशन पर आठ हजार करोड़ रुपए से अतिरिक्त बोझ बढ़ने की संभावना जताई गई है।
वहीं कई राज्यों द्वारा झारखंड में लागू पुरानी पेंशन योजना की व्यवस्था का अध्ययन किया गया है। पंजाब और हिमाचल के वित्त सचिव पुरानी पेंशन योजना की व्यवस्था का अध्ययन करने आए थे। इसके साथ ही इस प्रक्रिया के लिए महाराष्ट्र के वित्त सचिव अगले सप्ताह रांची आने वाले हैं।