EPFO : दिवाली से पहले गुड न्यूज, 6 करोड़ कर्मचारियों-खाताधारकों को होगा फायदा

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सभी सदस्यों के लिए कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा योजना (EDLI) योजना के तहत बढ़े हुए बीमा लाभों को बढ़ाने की घोषणा की ।

epfo EDLI scheme

EPFO EDLI scheme 2024 : कर्मचारी भविष्‍य निध‍ि संगठन के खाताधारकों और कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। केन्द्र की मोदी सरकार ने ईपीएफओ के 6 करोड़ सदस्यों को दिवाली से पहले बड़ी सौगात दी है। केन्द्र सरकार ने कर्मचारी जमा संबद्ध बीमा यानी ईडीएलआई स्कीम (EDLI scheme) को बैक डेट 28 अप्रैल 2024 से बढ़ाने का फैसला किया है।

दरअसल, केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने कर्मचारी जमा संबद्ध बीमा (EDLI) योजना के तहत सेवानिवृत्ति कोष निकाय EPFO के सभी सदस्यों के लिए बढ़े हुए बीमा लाभ के विस्तार का फैसला किया  है।ईपीएफओ के सभी सदस्यों को कर्मचारी जमा संबद्ध बीमा योजना के अंतर्गत रिटायरमेंट फंड का लाभ दिया जाएगा। इससे 6 करोड़ से अधिक ईपीएफओ सदस्यों को 7 लाख रुपये तक की जीवन बीमा सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

क्या है ईडीएलआई योजना

ईडीएलआई योजना (EDLI scheme) की शुरुआत साल 1976 में हुई थी। इसका उद्देश्य कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के सदस्यों को बीमा लाभ देना है, ताकि जब भी ईपीएफओ के सदस्य की मृत्यु हो तो उनके परिवार की सदस्य को वित्तीय परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। हर सदस्य के परिवार को वित्तीय मदद की जा सके।

किस तरह मिलता है योजना का लाभ

  • ईडीएलआई योजना के नियमों के अनुसार अप्रैल 2021 तक कर्मचारियों की मौत के मामले में उनके क़ानूनी उत्तराधिकारियों को अधिकतम 6 लाख रुपये तक का लाभ दिया जाता था, इसके बाद EDLI योजना के लिए अधिसूचना जारी करके लीगल उत्तराधिकारियों को मिलने वाले न्यूनतम और अधिकतम लाभ को 3 सालों 27 अप्रैल 2024 के लिए बढ़ाया गया था, इसमें न्यूनतम लाभ 2.5 लाख और अधिकतम लाभ 7 लाख रुपये कर दिया गया था।
  • किसी प्रतिष्ठान में 12 महीने की निरंतर सेवा की शर्त में भी ढील दी गई ताकि उस अवधि के दौरान नौकरी बदलने वाले कर्मचारियों को भी इसके दायरे में किया जा सके।अब हाल ही में जारी अधिसूचना के अनुसार कर्मचारियों को सात लाख रुपये का जीवन बीमा का लाभ दिया जाएगा। यह नियम 28 अप्रैल, 2024 से लागू होगा।

 


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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