EPFO: 78 लाख से ज्यादा पेंशनधारियों के लिए राहत भरी खबर, घर बैठे कर सकेंगे ये काम, मिलेगा लाभ

इस पद्धति से पेंशनभोगी की पहचान उनके घर बैठे ही स्मार्टफोन कैमरे का उपयोग करके चेहरे के स्कैन द्वारा की जा सकती है। यह प्रमाणीकरण UIDAI फेस रेकग्निशन ऐप का उपयोग करके UIDAI के आधार डेटाबेस से किया जाता है।

Pooja Khodani
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EPFO Digital Life Certificate : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के लाखों पेंशनरों के लिए राहत भरी खबर है। EPFO के 78 लाख से अधिक पेंशनधारियों की राह आसान कर दी है। पेंशनर्स अब घर बैठे फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी की मदद से डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकते है। इस पद्धति से पेंशनभोगी की पहचान उनके घर बैठे ही स्मार्टफोन कैमरे का उपयोग करके चेहरे के स्कैन द्वारा की जा सकती है। खास बात ये है कि वर्ष 2022-23 में 2.1 लाख पेंशनधारकों ने फेशियल ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी आधारित डीएलसी जमा कराए थे और 2023-24 में 6.6 लाख ने इसका लाभ उठाया है।

78 लाख पेंशनर्स की राह आसान

  • दरअसल, EPFO संगठन में 78 लाख से अधिक पेंशनभोगी हैं, जिन्हें पेंशन पाते रहने के लिए हर साल जीवन प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य है। पहले उन्हें भौतिक जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए बैंकों में जाना पड़ता था, जिसमें कई तरह की परेशानियां होती थीं लेकिन EPFO ने 2015 में अपने पेंशनभोगियों का जीवन आसान बनाने के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र को अपनाया।अब EPFO ईपीएस पेंशनभोगियों से बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के आधार पर DLC स्वीकार करता है।
  • EPFO में इसकी शुरुआत के बाद से, 2022-23 में 2.1 लाख पेंशनभोगियों द्वारा फेशियल ऑथेंटिकेशन तकनीक आधारित DLC जमा किए गए हैं, जो 2023-24 में बढ़कर 6.6 लाख हो गए, जो इस तकनीक के उपयोग में साल-दर-साल 200% की वृद्धि को दर्शाता है। यह भी उल्लेखनीय है कि 2023-24 में 6.6 लाख FAT आधारित DLC वर्ष के दौरान प्राप्त कुल DLC का लगभग 10% है। पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान पेंशनभोगियों से कुल मिलाकर लगभग 60 लाख DLC प्राप्त हुए थे।

कैसे करें डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र का उपयोग

  • बायोमेट्रिक आधारित DLS जमा करने के लिए पेंशनभोगी को किसी भी बैंक, डाकघर, कॉमन सर्विस सेंटर या EPFO कार्यालय की शाखा में जाने की आवश्यकता होती है क्योंकि वहां फिंगरप्रिंट/आईरिस कैप्चर डिवाइस उपलब्ध है।बुजुर्गों को बैंक/डाकघर आदि में शारीरिक रूप से जाने में होने वाली परेशानियों को कम करने के लिए, MEITY और UIDAI ने फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी (एफएटी) विकसित की है, जिसके तहत चेहरा पहचान तकनीक का इस्तेमाल जीवन प्रमाण पत्र के प्रमाण के लिए किया जा सकता है।
  • ईपीएफओ ने जुलाई, 2022 में इस तकनीक को अपनाया। इससे पेंशनभोगियों द्वारा अपने घरों से DLC जमा करने की एक पूरी तरह से नई प्रक्रिया शुरू हुई और उनके लिए यह प्रक्रिया आसान और सस्ती हो गई। इससे बुजुर्ग किसी भी एंड्रॉइड आधारित स्मार्टफोन का उपयोग कर प्रक्रिया को पूरी कर सकते हैं और बुढ़ापे में बैंक, डाकघर आदि जाने की परेशानी से बच सकते हैं।
  • इस पद्धति से पेंशनभोगी की पहचान उनके घर बैठे ही स्मार्टफोन कैमरे का उपयोग करके चेहरे के स्कैन द्वारा की जा सकती है। यह प्रमाणीकरण यूआईडीएआई फेस रेकग्निशन ऐप का उपयोग करके यूआईडीएआई के आधार डेटाबेस से किया जाता है।
  • चेहरे से पहचान की पद्धति के उपयोग के लिए अपने स्मार्टफोन में दो एप्लिकेशन, अर्थात “आधार फेस आरडी” और “जीवन प्रमाण” इंस्टॉल करने की आवश्यकता होती है। इन एप्लिकेशन के लिए ऑपरेटर का प्रमाणीकरण आधार से जुड़े मोबाइल नंबरों के माध्यम से किया जाता है।
  • सफल फेस स्कैन सुनिश्चित करने के लिए ऐप्स में विस्तृत दिशानिर्देश दिए गए हैं। स्कैन पूरा होने के बाद, जीवन प्रमाण आईडी और पीपीओ नंबर के साथ मोबाइल स्क्रीन पर डीएलसी सबमिशन की पुष्टि हो जाती है, जिससे घर बैठे ही यह प्रक्रिया सुविधाजनक तरीके से पूरी हो जाती है।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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