बृजभूषण शरण सिंह पर दर्ज हुई FIR , आरोपी BJP सांसद ने इसे बताया एक साजिश

Atul Saxena
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FIR lodged against Brij Bhushan Sharan Singh : BJP सांसद बृजभूषण शरण सिंह के विरुद्ध दिल्ली पुलिस ने कोर्ट की फटकार के बाद FIR दर्ज कर ली है। महिला पहलवानों की शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के विरुद्ध दिल्ली के कनाट प्लेस पुलिस थाने में दो FIR दर्ज की गई है, इसमें एक FIR पोक्सो एक्ट के तहत है।

FIR दर्ज हो जाने के बाद कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के बयान सामने आया है , वरिष्ठ पत्रकार अजित अंजुम ने इसे अपने ट्विटर पर पोस्ट किया है, बयान में बृजभूषण शरण सिंह ने इसे एक बड़ी साजिश बताया, उन्होंने कहा कि हरियाणा की एक ही फ़ैमिली, एक ही अखाड़ा मेरे ख़िलाफ़ क्यों है? हरियाणा के नब्बे फ़ीसदी खिलाड़ी हमारे साथ हैं। उन्होंने सवाल किया कि दूसरे राज्यों के खिलाड़ियों ने आरोप क्यों नहीं लगाए? इस धरने के पीछे राजनीति है, कई उद्योगपति  इसमें शामिल हैं इसकी जल्द से जल्द जाँच हो सब बात सामने आ जाएगी।

कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि कैंप में रहना है तो नेशनल लड़ना पड़ेगा, ओपन नेशनल लड़ना पड़ेगा,  नहीं तो कैंप में नहीं रखा जाएगा। ये राजनीतिक लड़ाई है,  ये साज़िश है इसमें कई उद्योगपति शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कमेटी में किसी ने इनके आरोपों के हिसाब से बात नहीं कही तो इन्होंने धरना शुरु कर दिया।

गौरतलब है कि 21 अप्रैल को एक नाबालिग महिला पहलवान सहित 7 महिला पहलवानों ने दिल्ली पुलिस में  कुश्ती महासंघ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत की थी लेकिन पुलिस ने FIR दर्ज नहीं की25 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने महिला पहलवानों की अपील सुनते हुए इसे गंभीर मामला बताया और दिल्ली पुलिस को इसपर जवाब देने के लिए कहा।

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को सुनवाई में कहा कि हम आज ही FIR करेंगे और तब कहीं जाकर 28 अप्रैल की देर रात पुलिस ने बृज भूषण शरण सिंह के विरुद्ध FIR दर्ज कर ली, इसमें एक FIR पोक्सो एक्ट के तहत है , सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से  नाबालिग महिला पहलवान को सुरक्षा देने के भी निर्देश दिए हैं।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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