Gold and Silver price : सोना तीन रुपए प्रति 10 ग्राम, तो चांदी 451 रुपए प्रति किलो मजबूत

Gaurav Sharma
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Gold Silver Rate

भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। हर दिन सोने-चांदी के दामों (Gold and Silver price) में उतार चढ़ाव होता रहता है। इसी कड़ी में आज सोने की कीमत (Gold price) में मामूली बढ़ोतरी देखी गई है। राजधानी दिल्ली (Delhi) में सोने की कीमत में तीन (3) रुपए की बढ़ोतरी (Gold price increase) दर्ज की गई है। जिसके बाद सोना (Gold Price ) 50,114 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है। वहीं चांदी की कीमतों (Silver price) में भी 451 रुपए का इजाफा हुआ है, जिसके बाद चांदी की कीमत 62,023 रुपए प्रति किलोग्राम हो गया है।

बात दें कि पिछले दिनों सोने की कीमत 50,111 रुपए प्रति दस ग्राम थी, वहीं चांदी की कीमत 61,572 रुपए प्रति किलोग्राम थी। अगर वैश्विक बाजार में सोने और चांदी के कीमतों की बात की जाए तो, सोना 1,877 डॉलर प्रति औंस और चांदी 24.20 डॉलर प्रति औंस हैं।

इस त्योहार सस्ते में मिलेगा सोना

भारतीय संस्कृति (Indian Culture) में दीपावली और धनतेरस पर सोने की खरीददारी करना शुभ माना जाता है। दिवाली त्योहार (Diwali Festival) को देखते हुए सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (Sovereign gold bond scheme) की आठवीं सीरीज के लिए सब्सक्रिप्शन को 9 नवबंर से 13 नवंबर के लिए खोल दिया है। जिसमें सभी लोग निवेश कर सकते है। जिसमें सरकार ने सोने की कीमत 5,177 रुपए प्रति ग्राम रखी है। वहीं सरकार ने ऑनलाइन तरीके से गोल्ड बॉन्ड खरीदने वाले निवेशकों के लिए प्रति ग्राम 50 रुपए की छूट प्रदान की है।

जानें आखिर क्यों बढ़ी सोने-चांदी की कीमतें

सोने-चांदी की कीमतों में आई बढ़ोतरी को लेकर एचडीएफसी सिक्योरिटी के अनुसार रुपए का कमजोर होना और डॉलर का मजबूत होना दोनों में आई तेजी का विशेष कारण है। अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में सोने-चांदी की कीमतों में आए उछाल का असर भारतीय बाजारों पर भी हो रहा हैं।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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