कर्मचारियों को जल्द मिलेगा तोहफा! पेंशन को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है सरकार, जानें क्या है नया प्लान?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, गारंटीशुदा पेंशन राशि को पूरा करने के लिए पेंशन कोष में कमी को केंद्र सरकार के बजट से कवर किया जाएगा। इससे करीब 87 लाख केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारियों को फायदा होगा, जो 2004 से एनपीएस में रजिस्टर्ड हैं।

Pooja Khodani
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Central Employees News: केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। नए कार्यकाल में मोदी सरकार पेंशन को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकती है।खबर है कि टी.वी. सोमनाथन की अगुवाई वाले पैनल ने कर्मचारियों को पेंशन के रूप में अंतिम मूल वेतन के 50 फीसदी तक की गारंटी की सिफारिश की है। अगर केन्द्र सरकार इस सिफारिश को मानती है तो रिटायर होने से पहले कर्मचारी की जो बेसिक सैलरी होगी, उसका 50 फीसदी मासिक पेंशन के रूप में दिया जाएगा। इससे कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद बड़ा लाभ मिलेगा।

समिति का NPS को लेकर नया प्रस्ताव

  • फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन लाभों में उल्लेखनीय सुधार की पेशकश की है। समिति की रिपोर्ट मई में प्रस्तुत की गई, जो 2023 में शुरू किए गए आंध्र प्रदेश एनपीएस मॉडल के जैसा ही है।इसमें अंतिम बेसिक पे का 50 फीसदी तक पेंशन के रूप में सुनिश्चित करने का है, जो वर्तमान बाजार-आधारित रिटर्न सिस्टम से एक महत्वपूर्ण बदलाव है।
  • गारंटीशुदा पेंशन राशि को पूरा करने के लिए पेंशन कोष में कमी को केंद्र सरकार के बजट से कवर किया जाएगा। इससे करीब 87 लाख केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारियों को फायदा होगा, जो 2004 से एनपीएस में रजिस्टर्ड हैं।
  • बता दे कि आंध्र प्रदेश गारंटीड पेंशन सिस्टम (एपीजीपीएस) अधिनियम, 2023 के तहत सरकारी कर्मचारियों को उनकी अंतिम सैलरी का 50 फीसदी मासिक पेंशन के रूप में दिया जाता है। इसमें महंगाई राहत (डीआर) शामिल है। इसके अलावा मृत कर्मचारी के पति या पत्नी को 60 फीसदी मासिक पेंशन की गारंटी दी जाती है।

पिछली साल गठित हुई थी समिति

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल मार्च 2023 में मोदी सरकार ने NPS के तहत पेंशन लाभों में सुधार के तरीकों की खोज के लिए वित्त सचिव टी वी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी। इसका काम गैर-अंशदायी पुरानी पेंशन प्रणाली (OPS) की ओर वापस जाने से बचने के सुझाव देना था।चुंकी ओपीएस को वित्तीय रूप से अस्थिर माना गया है, बावजूद इसके कई कांग्रेस शासित राज्यों में NPS को छोड़कर OPS को लागू किया गया। वर्तमान में 5 राज्यों में पुरानी पेंशन योजना लागू है। हालांकि समिति को इस कार्य के लिए कोई समय सीमा नहीं दी गई थी ।

जानिए क्या अंतर है OPS और NPS में

  • OPS में सरकारी कर्मचारी के रिटायर होने के बाद आखिरी मूल वेतन और महंगाई भत्ते की आधी रकम बतौर पेंशन ताउम्र सरकार के राजकोष से दी जाती है। OPS में हर साल दो बार महंगाई भत्ता भी बढ़कर मिलता है,पेंशन पाने वाले सरकारी कर्मचारी की मौत होने पर उसके परिवार के पेंशन दिए जाना भी ओपीएस में शामिल हैं।
  • नई पेंशन योजना के तहत सरकारी कर्मचारी को अपनी पेंशन में मूल वेतन का 10 फीसदी देना होता है और इसमें राज्य सरकार केवल 14% का ही योगदान देती है।OPS में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद 20 लाख रुपए तक की ग्रेच्युटी मिलती है। ओपीएस में कर्मचारियों के लिए 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू किया जाता है।
  • NPS में रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का कोई स्थायी प्रावधान नहीं है।न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में 6 महीने के उपरांत मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू नहीं होता है। नई पेंशन स्कीम के तहत सेवानिवृत्ति पर पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40 फीसदी निवेश करना होता है। सेवानिवृत्ति के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती।
  • एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है। इसमें महंगाई भत्ते का प्रावधान शामिल नहीं है।NPS में सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को कुल वेतन का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर देने का प्रावधान है।
  • OPS के विपरीत नई पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट पर शेयर बाजार के अनुसार जो भी पैसा मिलेगा,आपको उसपर टैक्स देना होता है।OPS में कर्मचारी के रिटायरमेंट पर GPF के ब्याज पर उसे किसी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता।

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