Rajasthan Employees News : राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों के लिए अच्छी खबर है।राजस्थान की भजनलाल सरकार ने कर्मचारियों के हित में बड़ा फैसला किया है, इसके तहत अब सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में शामिल हो सकेंगे। कार्मिक विभाग की ओर से जारी परिपत्र के अनुसार, 1981 के निर्देशों की समीक्षा करने के बाद आरएसएस पर लगी रोक हटाने का फैसला हुआ है।
दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार के बाद अब राजस्थान की भजनलाल सरकार ने आरएसएस विचारधारा से जुड़े कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला लिया है, इसके तहत राज्य सरकार ने 52 साल बाद राजकीय कर्मचारियों के आरएसएस की शाखाओं और कार्यक्रमों में जाने पर लगे प्रतिबंध को खत्म कर दिया है।कार्मिक विभाग के सर्कुलर के अनुसार 1972 और 1981 के निर्देशों की समीक्षा करने के बाद आरएसएस का उल्लेख हटाने का फैसला किया गया है। इससे पहले हरियाणा, हिमाचल, छत्तीसगढ़ और एमपी सरकारों द्वारा यह प्रतिबंध हटाया जा चुका है।
Rajasthan सरकार ने 1981 में लगाया था प्रतिबंध
गौरतलब है कि राजस्थान सरकार ने वर्ष 1981 में आरएसएस सहित तीन संगठनों पर प्रतिबंध लगाया था और तत्कालीन मुख्य सचिव ने इस संबंध में एक आदेश भी जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि कोई भी सरकारी कर्मचारी आरएसएस, जमात ए इस्लामी और आनंद मार्ग संगठन के न तो सदस्य बन सकते थे और न ही उनकी गतिविधियों में शामिल हो सकते थे।
पिछले दिनों विधानसभा में भी उठा था मुद्दा
- पिछले दिनों विधानसभा बजट सत्र के दौरान कोटा दक्षिण के विधायक संदीप शर्मा ने विधानसभा में केंद्र सरकार की ओर से आरएसएस के कार्यक्रम में कर्मचारियों के शामिल होने पर लगी रोक हटाए जाने के फैसले का विशेष उल्लेख करते किया था। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और MP सरकार द्वारा आरएसएस शाखा में जाने को लेकर प्रतिबंध हटा दिया गया है, लेकिन राजस्थान में अब भी यह आदेश लागू है।
- संदीप शर्मा ने सरकार से मांग की थी कि यह आदेश वापस लिया जाए। भाजपा विधायकों ने भी आदेश वापस लेने की मांग की थी। इसके बाद राजस्थान सरकार ने प्रतिबंध हटा दिया है, अब RSS विचारधारा से जुड़े राजकीय कर्मचारी संघ से जुड़े कार्यक्रमों और गतिविधियों में शामिल हो सकेंगे।