कर्मचारियों को फिर बड़ा तोहफा दे सकती है सरकार, वेतन-भत्ते और आवास के मुद्दों पर जल्द ऐलान संभव, जानें अपडेट

Pooja Khodani
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Government Employees Salary/Allowance : तेलंगाना के सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। महंगाई भत्ता वृद्धि के बाद राज्य की चंद्रशेखर राव सरकार कर्मचारियों को एक और सौगात देने की तैयारी में है। खबर है राज्य सरकार जल्द दूसरा पीआरसी आयोजित करेगी, इसमें वेतन और भत्ते को लेकर बड़ा फैसला हो सकता है। वही सरकारी आवास को लेकर भी केसीआर सरकार महत्वपूर्ण घोषणा कर सकती है।

वेतन-भत्ते की मिल सकती है सौगात

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,  राज्य के सरकारी कर्मचारियों को जल्द 2 बड़े तोहफे मिल सकते है।  खबर है कि तेलंगाना की केसीआर सरकार  सरकारी कर्मचारियों के वेतन का अध्ययन करने के लिए दूसरा पीआरसी आयोजित करने की तैयारी में है। इसमें सरकारी कर्मचारियों के वेतन भत्ते बढ़ाने को लेकर भी फैसला किया जाएगा। इस दौरान अंतरिम पद की घोषणा पर भी काम कर रही है। अगले दस दिनों में सीएम केसीआर सभी ट्रेड यूनियनों से मुलाकात करेंगे और कई बड़े बदलाव करेंगे।

स्वास्थ्य योजना ईएचएस पर भी हो सकता है फैसला

सरकारी सूत्रों की मानें तो  सभी ट्रेड यूनियनों से मुलाकात के दौरान सीएम वेतन भत्ते समेत इन मुद्दों पर चर्चा करने वाले है और फिर प्रक्रिया तय करेंगे।  इसके अलावा सरकारी कर्मचारी स्वास्थ्य योजना ईएचएस पर भी अहम फैसला ले सकती है। ईएचएस सख्त कार्यान्वयन के लिए प्रक्रिया तैयार कर सकता है। वही सरकारी कर्मचारियों के लिए आवास पर भी राज्य सरकार महत्वपूर्ण घोषणा कर सकती है।

बीते दिनों दी थी महंगाई भत्ते की सौगात

गौरतलब है कि बीते महिनों तेलंगाना सरकार ने 7.28 लाख कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की थी, इसे जनवरी 2022 से लागू किया गया है, ऐसे में 18 महीने के बकाया डीए एरियर देने का फैसला किया है।वही संशोधित वेतनमान, 2015 के अनुसार वेतन लेने वाले कर्मचारियों के डीए में भी इजाफा हुआ है। मूल वेतन के मौजूदा 55.536 प्रतिशत से बढ़ाकर इसको मूल वेतन का 59.196 प्रतिशत कर दिया गया है। UGC / AICTE / SNJPC वेतनमान, 2016 प्राप्त करने वाले सभी कर्मचारियों के लिए डीए की दर 1 जनवरी 2022 से मूल वेतन पर मौजूदा 31% से बदलाव कर 34% कर दी गई है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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