कर्मचारियों को सीएम की बड़ी सौगात, जल्द मिलेगा भत्ते-ओवरटाइम का लाभ, सरकार ने जारी किए 4.50 करोड़ रुपये

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HRTC Employees Overtime allowance : हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने चालकों और परिचालकों को ओवरटाइम और रात्रि भत्ते के भुगतान के लिए 4.50 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं।बता दे कि एचआरटीसी के ड्राइवर कंडक्टर को बीते 41 महीने से ओवर टाइम का भुगतान नहीं हुआ था, जिसके बाद कर्मचारियों ने चेतावनी दी थी कि अगर सरकार इसका भुगतान नहीं करेगी, तो प्रदेश भर में रात्रि बस सेवाएं बंद कर दी जाएंगी।

राज्य सरकार ने जारी किए 4.50 करोड़ रुपये

दरअसल, पिछले लगभग तीन वर्षों से एचआरटीसी के चालकों और परिचालकों को उनके भत्तों का भुगतान नहीं किया गया था, जिसके चलते कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ने लगी थी। लेकिन अब सीएम ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह राशि जारी करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने हिमाचल पथ परिवहन निगम के चालकों और परिचालकों को ओवरटाइम और रात्रि भत्ते के भुगतान के लिए 4.50 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। वर्तमान प्रदेश सरकार ने यह राशि आवंटित कर अपने वायदों को पूरा करने की प्रतिबद्धता निभाई है।

सीएम ने की थी कर्मचारी संघ से चर्चा

सीएम सुक्खू ने बताया कि एचआरटीसी के विभिन्न कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों ने पिछले माह उनसे भेंट कर उनकी मांगों, विशेष रूप से ओवरटाइम और रात्रि भत्ते के भुगतान पर चर्चा की थी। सरकार ने अपना वायदा निभाते हुए इन भत्तों के भुगतान के लिए राशि जारी कर दी है। वित्तीय चुनौतियों के बावजूद राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों के कल्याण के लिए अनेक महत्वाकांक्षी निर्णय लिए गए हैं।

सरकार ने ओपीएस और डीए का फैसला लिया- सीएम

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में लगभग डेढ़ लाख कर्मचारियों को लाभान्वित करते हुए पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वही सरकारी कर्मचारियों के लिए 3% महंगाई भत्ते की किस्त भी जारी की गई है। राज्य सरकार कर्मचारियों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। आर्थिक स्थिति में सुधार के साथ ही प्रदेश सरकार कर्मचारियों के कल्याण के दृष्टिगत हर संभव प्रयास करेगी।

 


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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