Google Map: गूगल मैप, जिसका काम है रास्ता भटके हुए इंसानों को सही रास्ता दिखाना। लेकिन बीते कुछ दिनों से गूगल मैप खतरनाक दुर्घटनाओं की वजह बन रहा है। बरेली के बाद अब बिजनौर में भी गूगल मैप ने दो युवकों को रास्ता भटका दिया।
बताया जा रहा है कि दोनों युवक दिल्ली से बिजनौर लौट रहे थे, लेकिन गूगल मैप (Google Map)के गलत रास्ते के कारण वह कोतवाली रोड पर पहुंच गए। बोर्ड का पता ना लग पाने के कारण उनकी बाइक बैनर के पोल से टकरा गई। जिस वजह से एक की मौके पर मौत हो गई और दूसरा गंभीर रूप से घायल है। जैसे ही हादसे की जानकारी परिवार वालों को मिली, घर में मातम छा गया।
गूगल मैप्स की गलती से हुआ हादसा
धामपुर के मोहल्ला बंदूकचियान निवासी नाजीर और अमन, दोनों ही दिल्ली में अल्युमिनियम की फ्रेमिंग का काम करते थे। बुधवार को बाइक से अपने घर लौट रहे थे। रास्ते में देर शाम नहटौर पहुंचे और गूगल मैप के चलते हुए कोतवाली रोड पर भटक गए। रास्ते का सही पता न लगने के कारण उनकी बाइक सीधे सड़क किनारे लगे बोर्ड के पोल से टकरा गई।
हादसे में 1 की मौत, 1 की हालत स्थिर
पुलिस को जैसे ही घटना की सूचना मिली, उन्होंने तुरंत दोनों को CHC में भर्ती कराया, जहां नाजीर को मृत घोषित कर दिया गया। परिजनों को हादसे की जानकारी मिलने के बाद वे मौके पर पहुंचे और किसी भी कानूनी कार्रवाई से उन्होंने इनकार किया, इसके बाद पुलिस ने शव परिजनों के हवाले कर दिया। वहीं, घायल अमन की हालत अब स्थिर बताई जा रही है। इस हादसे ने पूरे परिवार को गहरे शोक में डूबो दिया है।
Google Map की वजह से बरेली में हुआ था हादसा
कुछ समय पहले गूगल मैप (Google Map) की वजह से बरेली में भी एक और हादसा हुआ था। बरेली बंदायू रोड पर गूगल मैप के गलत दिखाए गए रास्ते के कारण तीन लोगों की जान रामगंगा नदी में गाड़ी गिरने से चली गई थी। इसके बाद गूगल मैप की गलती का एक और मामला सामने आया था, जब गूगल मैप के दिखाई गए रास्ते पर चलती एक कार कलापुर की सूखी पड़ी नहर में पलट गई।
जंगल में फंस गया था एक परिवार
कुछ दिन पहले बिहार से गोवा जा रहे परिवार को गलत नेविगेशन के कारण कर्नाटक के बेलगावी जिले के घने भीमगढ़ जंगल में फंसने का सामना करना पड़ा। गूगल मैप (Google Map) के दिखाए गए छोटे रास्ते पर भरोसा करते हुए वे लगभग 7-8 किलोमीटर जंगल के अंदर चले गए, फिर उन्हें लगा कि वह गलत आ गए हैं और किसी बड़ी मुसीबत में फंस गए हैं। उनके पास कोई और दूसरा रास्ता नहीं था, जिस वजह से उन्होंने इस घने जंगल में रात बिताई। इसके बाद उन्होंने नेटवर्क ढूंढते हुए 4 किलोमीटर पैदल यात्रा की और फिर इमरजेंसी हेल्पलाइन पर संपर्क किया। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला।