Employees honorarium, Honorarium Hike कर्मचारियों के लिए हाई कोर्ट द्वारा महत्वपूर्ण फैसला सुनाया गया हैं। इसके तहत उनके मानदेय में बड़ी वृद्धि रिकॉर्ड की जाएगी। बता दे कि अब तक उन्हें 7000 रुपए मानदेय के रूप में उपलब्ध कराया जा रहा था लेकिन अब से उन्हें मानदेय के रूप में 18000 रुपए प्राप्त होंगे। हाई कोर्ट द्वारा इसके निर्देश दिए गए हैं।
कर्मचारियों के हित में महत्वपूर्ण फैसला
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कर्मचारियों के हित में महत्वपूर्ण फैसला लिया है। इसके तहत विभाग में कैजुअल श्रमिकों के मानदेय 18000 रुपए करने के निर्देश दिए गए हैं। बता दे की से उन्हें 7000 रुपए मानदेय के रूप में दिया जा रहा था। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि 3 हफ्ते में वित्त विभाग से परामर्श लेकर अगले दो हफ्ते में बकाया सहित भुगतान की प्रक्रिया को पूरा किया जाए।
कैजुअल श्रमिकों के लिए हाई कोर्ट का आदेश
दरअसल हाई कोर्ट ने कहा कि जिन कैजुअल श्रमिकों को ₹7000 मानदेय नहीं दिया जा रहा है। उनके विस्तृत ब्यौरे के साथ जवाब दाखिल किया जाना है। वहीं इस मामले की अगली सुनवाई 11 सितंबर को की जाएगी।इतना ही नहीं हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि वित्त विभाग से परामर्श लेने के बाद बकाए का भुगतान यदि नहीं किया जाता है तो प्रमुख मुख्य वन संरक्षक ऐसा ना कर पाने का कारण स्पष्ट करते हुए व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करेंगे।
अब तक की प्रक्रिया
हाई कोर्ट के निर्देश पर गोरखपुर के जिला वन अधिकारी द्वारा जवाबी हलफनामा पेश किया गया था। जिनमें 27 जुलाई की बैठक एजेंडा भी तय किया गया था। बैठक में तय किया गया था कि नियमित हुए श्रमिकों को समान लाभ दिया जाएगा। कोर्ट आदेश पर विचार कर पालन करने के लिए तीन सदस्यीय समिति भी गठित की गई है। इसके बाद भी तू विभाग से अनुमोदन मांगा गया था। 6 अगस्त के आदेश से प्रमुख मुख्य वन संरक्षक ने विवाद तय करने के लिए एक बार फिर से पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। अब 6 सदस्यीय दूसरी कमेटी तैयार की गई है।
वही जो 7000 रूपए मानदेय नहीं पा रहे हैं, कमेटी उनका पता लगाएगी। अगले 48 घंटे में तीनों याचियो के बैंक खाते में भुगतान भेजने का आदेश दिया गया है। मामले में याचियो के अधिवक्ता का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने शंकर दुबे केस में 7000 मानदेय पानी वाले को सामान लाभ का हकदार माना है। वही कमेटी द्वारा 7000 मानदेय पाने वाले को 18000 रुपए देना तैयार किया गया है। जिसके बाद अब हाईकोर्ट ने कहा है कि वह इसके हकदार हैं और जल्द उन्हें इसका भुगतान किया जाएगा।