नई दिल्ली , डेस्क रिपोर्ट। भारतीय वैज्ञानिकों ने एक ऐसा method तैयार किया है, जिससे हाइड्रोजन प्रोडक्शन में एनर्जी बहुत ही कम मात्रा में खर्च होगी। रिपोर्ट के मुताबिक एआरसीआई के वैज्ञानिकों ने कम कार्बन फुटप्रिंट के साथ हाइड्रोजन production के लिए ऊर्जा-कुशल विधि को तैयार किया है । जो water electrolysis में जरूरी विद्युत ऊर्जा का केवल एक तिहाई ही इस्तेमाल करता है।
यदि ज़ीरो एनर्जी से हाइड्रोजन तैयार होता है तो , यह एक बहुत ही अच्छा फॉसिल फ्यूल एनर्जी केरियर ( fossil fuel energy carrier ) की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। सतत विकास में भविष्य में या बहुत ही अहम भूमिका भी निभाये , ऐसी संभावनाएं हैं। क्योंकि हाइड्रोजन अन्य chemical की तुलना में बहुत ही ज्यादा एनर्जी को अपने अंदर absorb करके रख सकता है। इसलिए इसे एक आइडियल फ्यूल (ideal fuel ) भी कहा जा सकता है। हाइड्रोजन में कच्चे पानी की मात्रा सबसे अधिक पाई जाती है , हालांकि यह गुण नेचुरल गैस, पेट्रोलियम और बायोमास में भी उपलब्ध होते हैं।
यह भी पढ़े …. Weather Department : IMD ने जारी किया अलर्ट, इन राज्यों में तेज बारिश, बर्फबारी सहित बिजली गिरने की संभावना
इंटरनेशनल एडवांस्ड रिसर्च सेंटर फॉर पाउडर मेटलर्जी एंड न्यू मैटेरियल्स (एआरसीआई) के वैज्ञानिक, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान और भारत सरकार ने एक ऐसा method तैयार किया है , जो परिवेशी ( ambient pressure ) दबाव और तापमान ( temperature ) पर इलेक्ट्रोकेमिकल मेथनॉल रिफॉर्मेशन (ईसीएमआर) द्वारा मेथनॉल-पानी के मिश्रण से हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए , इलेक्ट्रोलिसिस और सुधार दोनों तरीकों को एक दूसरे से जोड़ेगी । जिससे विद्युत ऊर्जा की जरूरी होती है, हाइड्रोजन का उत्पादन water इलेक्ट्रोलिसिस का 1/3d है । । इस तकनीक का एआरसीआई ने पेश किया है । इस method में जो पॉलिमर इलेक्ट्रोलाइट झिल्ली (पीईएम) का उपयोग करता है, हाइड्रोजन का उत्पादन कम तापमान पर किया जा सकता है और दबाव ( pressure ), जिसके बाद रासायनिक सुधार के विपरीत हाइड्रोजन पृथक्करण या शुद्धिकरण चरणों की आवश्यकता नहीं होगी । और हाइड्रोजन pure भी होगा और कम एनर्जी के साथ तैयार भी होगा ।