डेस्क रिपोर्ट। वैली ऑफ़ वर्ड्स अंतर्राष्ट्रीय साहित्य एवं कला उत्सव देहरादून के जूरी ने 2021 के हिन्दी नॉन फिक्शन श्रेणी में मप्र के कवि एवं उपन्यासकार आईएएस राजीव शर्मा की कृति विद्रोही संन्यासी को सर्वश्रेष्ठ कृति का सम्मान दिया है। वैली ऑफ़ वर्ड्स अलंकरण में मान पत्र के साथ एक लाख रूपये नगद दिये जाते हैं। बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स की ओर से आयोजन मंडल के अध्यक्ष संजीव चौपड़ा ने आज शुक्रवार को देहरादून में एक भव्य समारोह में इस वर्ष के पुरस्कारों की घोषणा की।
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लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के महानिदेशक रहे संजीव चौपड़ा स्वयं एक नीति विश्लेषक, इतिहासकार और चिंतक हैं। विद्रोही संन्यासी भगवान आदिशंकराचार्य जी की जीवन गाथा पर आधारित उपन्यास है। प्रभात प्रकाशन दिल्ली से आया यह उपन्यास देश भर के पाठकों की पहली पसंद बना। हिन्दी के बाद यह मराठी में आ चुका है। बांग्ला, गुजराती और अंग्रेजी में शीघ्र आने वाला है। हिन्दी में इसका तीसरा संस्करण नए साल के प्रारम्भ में आने को है। मप्र के भिंड में जन्मे राजीव पेशे से प्रशासनिक अधिकारी हैं और नवाचार के लिए भी इन्हें जाना जाट था, नर्मदा तट पर उनकी पद स्थापना नरसिंहपुर, मण्डला से बड़वानी तक रही है। दमोह, पन्ना, छिंदवाड़ा, बालाघाट, उज्जैन, मंदसौर, शाजापुर, भोपाल आदि के बाद आजकल वे शहडोल में कमिश्नर के पद पर पदस्थ हैं।