उत्तर भारत के राज्यों में हाड़ कंपा देने वाली ठंड, कोहरे से परेशान हैं लोग, बारिश के भी आसार; मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

Atul Saxena
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इस समय देश की राजधानी दिल्ली सहित उत्तर भारत के अन्य राज्यों पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित दूसरे राज्यों में हाड़ कंपा देने वाली यानि सुन्न कर देने वाली सर्दी पड़ रही है, शीतलहर ने लोगों का बाहर निकलना मुहाल कर दिया है, लोग घरों में दुबके हुए हैं, बाहर निकलने वाले लोग आग का सहारा लेते दिखाई दे रहे हैं।

8-10 जनवरी के बीच कई राज्यों में बारिश के आसार  

आईएमडी ने पूर्वानुमान जारी करते हुए आज कहा कि अगले दो दिनों तक उत्तर पश्चिम भारत के कई हिस्सों में रात और सुबह के समय घने से बहुत घना कोहरा दिखाई देगा जिससे द्रश्यता प्रभावित होगी और लोगों को परेशानी होगी, मौसम विभाग ने 8 से 10 जनवरी के बीच उत्तर पश्चिम भारत और मध्य भारत के राज्यों में हलकी बारिश की सम्भावना जताई है।

कई राज्यों में है गंभीर ठंड की स्थिति 

मौसम विभाग ने अपने बुलेटिन में कहा है कि उत्तर भारत के कई हिस्सों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है , हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली और उत्तरी मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों सहित विभिन्न स्थानों पर ठंड से लेकर गंभीर ठंड की स्थिति बनी है।

बहुत से राज्यों में छाएगा कोहरा 

IMD ने कहा है कि 6 से 9 जनवरी के तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में कहीं कहीं घना कोहरा रहेगा, इसके अलावा आने वाले 24 घंटों में पश्चिम मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में कोहरा छाए रहने का अनुमान है। ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में भी इस अवधि में कोहरा छाने की आशंका है।

अधिकतम तापमान की चाल में आ रही है गिरावट 

तापमान की जानकारी देते हुए आईएमडी ने बताया कि राजधानी दिल्ली में अधिकतम तापमान 13.8 डिग्री सेल्सियस पालम क्षेत्र में रहा इसमें 4.9 डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखी गई है, चंडीगढ़ में अधिकतम तापमान 14.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया यहाँ 3.9 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई, हरियाणा के अंबाला में अधिकतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 7.5 डिग्री सेल्सियस कम है। इसी तरह, पंजाब के पटियाला में 7.5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट के साथ अधिकतम तापमान 11.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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