सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, सहारा की कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी की होगी जांच

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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। चिटफंड घोटाले में फंसी सहारा इंडिया कंपनी को बड़ा झटका लगा है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने एसएफआइओ (SFIO) की जांच पर रोक लगाने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया। हाई कोर्ट द्वारा इस मामले में रोक लगाए जाने को सुप्रीम कोर्ट ने गलत माना है।

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निवेशकों का अरबों-खरबों रुपया डकार कर बैठी सहारा इंडिया कंपनी की मुसीबतें बढ़ गई है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम निर्णय सुनाया जिसमें सहारा समूह से जुड़ी नौ कंपनियों के खिलाफ एस एफ आई ओ (SFIO) यानी सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस की जांच पर रोक लगाने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया गया। एसएफआइओ SFIO द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर अपील को न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने स्वीकार कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि इस मामले में जांच पर रोक लगाने के लिए उच्च न्यायालय का फैसला सही नहीं था। दरअसल 13 दिसंबर 2021 को दिल्ली उच्च न्यायालय ने सहारा की सभी कंपनियों के खिलाफ एसएफआइओ SFIO की जांच पर रोक लगा दी थी जिसने जांच में यह पाया था कि सहारा इंडिया कंपनी ने लगभग एक लाख करोड़ रुपए का घोटाला किया है। सहारा प्रमुख की पत्नी स्वपना राय और परिजनों को विदेश भेजे जाने के लुकआउट नोटिस पर भी सुप्रीम कोर्ट ने इसे हाईकोर्ट द्वारा सुने जाने की बात कही है।

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एसएफआईओ का प्रतिनिधित्व करने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रस्तुत किया कि इसमें शामिल कुल धन 1 लाख करोड़ रुपये है और इसमें शामिल कंपनियों की परतों और परतों को देखते हुए, जांच तीन महीने में पूरी नहीं हो सकी और इसमें अधिक समय लगा। मेहता ने कहा: “हमने लुक आउट सर्कुलर जारी किया ताकि वे देश से भाग न जाएं …”
गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) की एक याचिका में कहा गया है, “याचिकाकर्ता एसएफआईओ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 13 दिसंबर, 2021 के अंतिम फैसले के खिलाफ कैप्शन वाली याचिका दायर की है, जिसके तहत उच्च न्यायालय ने गलती से प्रतिवादियों 1 से 3 को अंतरिम राहत दी थी। केंद्र सरकार द्वारा पारित 31 अक्टूबर, 2018 और 27 अक्टूबर, 2020 के जांच आदेशों के संचालन, कार्यान्वयन और निष्पादन पर रोक लगा दी और इसके बाद शुरू की गई सभी कार्रवाइयों और कार्यवाही पर रोक लगा दी, जिसमें उत्तरदाताओं के खिलाफ जारी किए गए जबरदस्ती और लुक आउट नोटिस शामिल हैं। एसएफआईओ की याचिकाओं ने सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड, सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड, सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड, किंग एम्बी सिटी डेवलपर्स लिमिटेड, सहारा क्यू शॉप यूनिक प्रोडक्ट्स रेंज लिमिटेड के खिलाफ जांच पर रोक लगाने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के 5 जनवरी, 2022 के आदेश को चुनौती दी थी। सहारा इंडिया फाइनेंशियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, सहारा क्यू गोल्ड कार्ट लिमिटेड और डायरेक्टर ऑफ द कंपनी


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Harpreet Kaur

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