Himachal Pradesh Retired employees : हिमाचल प्रदेश के रिटायर कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। राज्य की सुखविंदर सिंह सरकार ने 2022 से पहले रिटायर कर्मचारियों के बकाया एरियर जारी करने से इंकार कर दिया है। वित्त विभाग ने एक जनवरी 2016 से 31 जनवरी 2022 के बीच सेवानिवृत कर्मचारियों को 6 फीसद ब्याज दर के साथ बकाया एरियर जारी करने के आदेशों पर रोक लगा दी है। वित्त विभाग के आदेश के बाद अब कोषागार के निदेशक ने सभी जिलों के ट्रेजरी अधिकारियों को इस बारे में लिखित निर्देश भेजे हैं। अब राज्य सरकार हाई कोर्ट के फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देने की तैयारी में है।
ये है पूरा मामला
- दरअसल, हिमाचल प्रदेश में नया वेतन आयोग लागू होने के बाद नए और पुराने पेंशनरों को सारे लाभ लगभग मिल गए हैं और पेंशन भी रिवाइज हो गई है। लेकिन 1 जनवरी 2016 से 31 दिसंबर 2021 के बीच रिटायर हुए कर्मचारी अभी भी संशोधित कॉम्यूटेशन, लीव एनकेशमेंट और ग्रेच्युटी का लाभ नहीं मिला है, जिसके बाद मामला हाई कोर्ट पहुंच गया था।
- हाल ही में इस संबंध में हिमाचल हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि पेंशनरों को नए वेतन आयोग की संशोधित कॉम्यूटेशन, लीव एनकैशमेंट और ग्रेच्युटी के साथ एरियर का भुगतान 6 सप्ताह के भीतर किया जाए, अन्यथा इस पर भी 6% वार्षिक की दर से ब्याज देना होगा।
- इसके बाद राज्य सरकार ने पेंशनरों को एरियर की एक किस्त 17 नवंबर 2022 को देने के आदेश हुए थे तो कई जिलों के ट्रेजरी अधिकारियों ने डायरेक्टर ट्रेजरी से निर्देश मांगे थे, पेंशनरों ने भी डिटेल्स भेज दी थी। इसके बाद कुछ विभागों के डीडीओ ने कुछ सेवानिवृत कर्मचारियों को बकाया एरियर जारी कर दिया था। इसके बाद कोषागार विभाग ने वित्त विभाग को इस संबंध में अवगत कराया था, जिसके बाद वित्त विभाग के पेंशन विंग ने एक क्लेरिफिकेशन जारी किया है।
क्या कहा है वित्त विभाग ने अपने आदेश में
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वित्त विभाग ने सभी विभागों को एरियर के भुगतान के मामलों में उपयुक्त अदालत में अपील करने को कहा है। वर्तमान में सभी ट्रेजरी अधिकारी इस मामले में कोई नया भुगतान नहीं करेंगे।इधर, वित्त विभाग सरकार से बिना पूछे ऐसा करने वाले डीडीओ को भी नोटिस जारी करेगा क्योंकि उन्होंने अदायगी से पहले सरकार से आदेश नहीं लिए।वित्त विभाग के आदेशों के बाद मंगलवार को ट्रेजरी अकाउंटस विभाग के निदेशक ने सभी जिलों के कोषागार अधिकारियों को भुगतान रोकने को लेकर एक सर्कुलर जारी किया है।