लाइफस्टाइल, डेस्क रिपोर्ट | घुमने के शौकीन लोगों को अगल-अलग मौसम में घूमना (भारत)पसंद होता है। जो अक्सप ट्रैवलिंग करते रहते हैं। उन्हें नई-नई जगहों का सैर करना काफी पसंद होता है। किसी को पहाड़ों की वादियों में घूमना अच्छा लगता है, तो किसी को धार्मिक स्थलों का भ्रमण करना, किसी को समुद्र का किनारा भाता है, तो किसी को रेगिस्तान की तपती गर्मी का लुफ्त उठाना अच्छा लगता है। बता दें कि टूरिस्म भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती देता है। क्योंकि भारत एक ऐसा देश है जहां देश ही नहीं बल्कि दुनिया के हर कोने-कोने से लोग यहां की खुबसुरती का दिदार करने आते हैं। यहां मौसम के हिसाब से भ्रमण किया जाता है। लोग सीजन के हिसाब से अपना टूर डिसाइड करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं भारत में एक ऐसी ट्रेन है जिसकी रफ्तार साइकिल रफ्तार से भी ज्यादा धीमी है, तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको उस खास ट्रेन से रुबरू करवाते हैं।
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दरअसल, तमिलनाडू राज्य में भारत की सबसे धीमी रफ्तार वाली ट्रेन संचालित होती है। सरकारी वेबसाइट इन्वेस्ट इंडिया के अनुसार, मेट्टुपालयम ऊटी नीलगिरि पैसेंजर ट्रेन भारत की सबसे धीमी ट्रेन है, जो कि 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है। यह ट्रेन भारत की सबसे तेज ट्रेन की तुलना में लगभग 16 गुना धीमी है। इस ट्रेन का संचालन पहाड़ी इलाकों में होता है। इस ट्रेन की रफ्तार धीमी होने की मुख्य वजह है कि यह गोल-घुमावदार ट्रैक पर चलती है। जिसके कारण बेहद ही धीरे गति से यात्रियों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाती है।
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यूनेस्को की वेबसाइट के अनुसार, नीलगिरि पर्वतीय रेल के निर्माण के लिए साल 1854 में प्रस्तावित किया गया था लेकिन पहाड़ी स्थान की कठिनाई के कारण काम 1891 में शुरू हुआ और 1908 में पूरा हुआ। यूनेस्को ने यह भी कहा कि यह रेलवे 326 मीटर से 2,203 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचती है, जो उस समय की नवीनतम तकनीक का प्रतिनिधित्व करती है। इस रुट को बनाने के लिए कई सुरंगों और 100 से अधिक पुलों से होकर गुजरती है। इस रास्ते में लोग काफी इंजॉय भी करते हैं।
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नीलगिरि पर्वतीय रेलवे पर यात्रा के लिए आरक्षण आईआरसीटीसी की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन किया जा सकता है। मार्ग पर मुख्य स्टेशन कुन्नूर, वेलिंगटन, अरवंकाडु, केटी और लवडेल हैं। बता दें कि इस ट्रेन में पहली श्रेणी और दूसरी श्रेणी बनाएं गए है। तेजी से बढ़ती मांग के कारण साल 2016 में ट्रेन में चौथी गाड़ी जोड़ी चलाई गई है।
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