Indian Army Day 2023: 15 जनवरी का दिन भारतीय सेना के लिए बहुत खास होता है। भारत आज अपना 75वां सेना दिवस मना रहा है। इस खास अवसर के लिए यह साल बेहद विशेष है, क्योंकि पहली बार दिल्ली के बाहर बेंगलुरू में परेड का आयोजन हुआ है। साल 1949 आज ही के दिन 200 साल ब्रिटिशशासन के बाद भारतीय सेना की जिम्मीदरी भारतीय को सौंपी गई थी। इसलिए सेना की उपलब्धियों, सेवा और योगदान को सम्मानित करने के लिए सम्मानित करने के लिए इंडियन आर्मी डे मनाया जाता है। आजकल सेना में महिलाओं की संख्या बढ़ती जा रही है। पहले केवल मेडिकल फील्ड तक ही यह सीमित तक लेकिन अब महिलायें फाइटर प्लेन भी उड़ा रही है। वर्ष 1888 तक महिलायें नर्स और डॉक्टरों के तौर पर सेना में काम करती है। विश्व युद्ध प्रथम में भी उनका अहम किरदार रहा है। दूसरे विश्व युद्ध में भी नूर इनायत ने जासूस का काम करके अपनी अहम पहचान बनाई। आईए जानें कुछ महिलाओं के बारे में जिन्होनें अपने जज्बे और हिम्मत से देश का नाम मान बढ़ाया।
स्वॉर्ड ऑफ हॉनर पाने वाली पहली महिला कैडेट
सेना की स्वॉर्ड ऑफ हॉनर पाने वाली पहली महिला दिव्या अजित कुमार हैं। उन्होनें मात्र 21 साल की उम्र में यह सफलता हासिल की। उन्होनें 2010 में सेना के वायु रक्षा कोर में नियुक्त किया गया था।
गुंजन सक्सेना ने छुड़ाए दुश्मनों के छक्के
कारगिल गर्ल के नाम से प्रसिद्ध फ्लाइट लेफ्टिमेंट गुंजन सक्सेना के जीवन पर आधारित फिल्म भी बन चुकी है। पहली महिला पायलट के तौर पर गुंजन सक्सेना ने कारगिल युद्ध में दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे।
पहली महिला शहीद
भारतीय सेना में महिलाओं के योगदान के बारे में जब भी बात होती है, तब पहली महिला शहीद किरण शेखावत का नाम सामने आता है। वो देश के लिए ऑन ड्यूटी शहीद होने वाली पहली महिला थी। साल 2015 में गोवा में 24 मार्च की रात डोर्निचर निगरानी विमान हादसे में किरण शेखावत शहीद हुई थी।
पुनीत अरोड़ा बनी पहली महिला लेफ्टिमेंट जनरल
भारतीय नौसेना की पहली महिला लेफ्टिमेंट जनरल पुनीत अरोड़ा को साल 2004 में बनाया गया। उनका जन्म 13 अक्टूबर 1932 को पाकिस्तान के लाहौर में हुआ था। उन्होनें सेना में 36 सालों का सेवा दी।
ये हैं पहली महिला एयर मार्शल
पद्मावती बंदोपाध्याय ने भारतीय सेना की पहली महिला एयर मर्शल बनकर देश का नाम रोशन किया। साल 1968 में वो वायुसेना में शामिल हुई थी और 34 सालों तक सेवा दी।