Kamakhya Devi Corridor: महाकाल लोक और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण होने के बाद इन जगहों पर बड़ी संख्या में भक्तों का सैलाब देखने को मिल रहा है। जो संख्या पहले हजारों तक सीमित थी वह अब लाखों तक पहुंच चुकी है। इसी कड़ी में अब देश के अन्य धार्मिक स्थलों का भी कायाकल्प किया जा रहा है। अब कामाख्या देवी मंदिर की बड़ी भी आ चुकी है और यहां दिव्य लोक बनाने की तैयारी की जा रही है।
कामाख्या देवी मंदिर असम के गुवाहाटी में मौजूद है और 51 शक्तिपीठों में से एक है। यह देवी मंदिर लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र है। यहां पर अब देवी का दिव्य लोक बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस कॉरिडोर के आधारशिला रखी है।
असम के मुख्यमंत्री ने भी कामाख्या कॉरिडोर बनने के बाद किस तरह दिखेगा। उसकी एक झलक वीडियो के जरिए पेश की थी। बता दें कि मां कामाख्या देवी परियोजना को प्रधानमंत्री विकास पहल के तहत मंजूरी मिली। इसका उद्देश्य राज्य में पर्यटन को बढ़ाना है।
ऐसा दिखेगा दिव्य लोक
मुख्यमंत्री ने जो वीडियो शेयर किया था वह मां कामाख्या देवी कॉरिडोर का था। सबसे पहले तो यह जान लीजिए कि यह देश का तीसरा सबसे बड़ा कॉरिडोर होगा। काशी विश्वनाथ उसके बाद महाकाल लोग और मां कामाख्या गलियारा तीसरा सबसे बड़ा कॉरिडोर है। इसकी रूपरेखा काफी पहले तैयार हो चुकी है और इसे बहुत शानदार तरीके से बनाया जाएगा।
ये चीजें होंगी खास
- मां कामाख्या देवी कॉरिडोर 498 करोड़ की लागत से तैयार किया जाने वाला है।
- इस कॉरिडोर के निर्माण के बाद मंदिर के आसपास का एरिया 3000 वर्ग फुट से 1 लाख वर्ग फुट हो जाएगा।
- गलियारे की औसत चौड़ाई को भी बढ़ाया जाएगा और यह 30 फीट की हो जाएगी।
- भविष्य में और विकास किया जा सके इसके लिए तीन एकड़ जमीन रिजर्व रखी जाएगी।
- गर्भगृह के दर्शन दो हिस्से में बंटेंगे। इनमें से कुछ भक्त दर्शन कर सकेंगे और जिन्हें पूजा करनी है वह स्पर्शन करेंगे।
- फिलहाल मंदिर में 4000 श्रद्धालु की स्पेस है लेकिन यह 10000 तक पहुंच जाएगी।
- मुख्य प्रवेश द्वार और सड़क के दोनों किनारो पर ढेर सारे पौधे लगाए जाएंगे।
- श्रद्धालुओं के लिए कई सारे रास्ते तैयार होंगे ताकि भीड़ की वजह से किसी तरह की परेशानी ना हो और आराम से दर्शन हो सके।
- नीलांचल पहाड़ी के नीचे से कामाख्या देवी मंदिर परिसर तक रोप वे लगाने की प्लानिंग भी बनाई गई है।
ये मंदिर होंगे शामिल
मां कामाख्या देवी कॉरिडोर के अंतर्गत कई मंदिरों का विकास कार्य किया जाने वाला है। इसमें त्रिपुर सुंदरी, कमला, मातंगी, तारा, भुवनेश्वरी, बगलामुखी, छिन्नमस्ता, धूमावती, भैरवी और दशमहाविद्या के मंदिर शामिल है। इसके अलावा पहाड़ी के चारों ओर सिद्धेश्वर, केदारेश्वर, कामेश्वर, अमरतोकेश्वर, कौटिलिंग, अघोर मंदिर स्थित है जो भगवान शिव को समर्पित है, इन्हें भी संवारा जाएगा। यह सभी मंदिर मिलाकर एक कॉरिडोर तैयार होगा।