Lok Sabha Election 2024: रायबरेली में भावुक हुई सोनिया गांधी, बोली- “आपके सामने मेरा सिर श्रद्धा से झुका हुआ है,मैं आज आपको अपना बेटा सौंप रही हूँ”

मैंने राहुल और प्रियंका को भी वही शिक्षा दी है जो इंदिरा जी ने और रायबरेली की जनता ने मुझे दी। सबका आदर करो, कमजोर की रक्षा करो। अन्याय के खिलाफ जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए जिससे भी लड़ना पड़े, लड़ जाओ। डरना मत.. क्योंकि संघर्ष की तुम्हारी जड़ें और परंपराएं बहुत मजबूत हैं।

Atul Saxena
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Sonia Gandhi

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण में उत्तर प्रदेश की अमेठी और रायबरेली सीट पर भी 20 मई को मतदान होगा, मतदान का शोर कल 18 मई की शाम 6 बजे थम जायेगा इसलिए आज कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने अमेठी और रायबरेली में संयुक्त सभाएं की। रायबरेली की सभा में सोनिया गांधी भी पहुंची और जब वे भाषण देने खड़ी हुई तो भावुक हो गई – बोलीं मैं आज आपको अपना बेटा सौंप रही हूँ, राहुल आपको निराश नहीं करेंगे।

सोनिया बोलीं- रायबरेली मेरा परिवार है, वैसे ही अमेठी भी मेरा घर है

सोनिया गांधी ने कहा -रायबरेली के मेरे परिवारजजनों मुझे खुशी है कि आज काफी समय के बाद आपके बीच आने का मौका मिला है। मैं हृदय से आपकी आभारी हूं। आपके सामने मेरा सिर श्रद्धा से झुका हुआ है। 20 साल तक एक सांसद के रूप में आपने मुझे सेवा करने का मौका दिया है। ये मेरे जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है। रायबरेली मेरा परिवार है, वैसे ही अमेठी भी मेरा घर है। यहां से न केवल मेरे जीवन की कोमल यादें जुड़ी हुई हैं बल्कि पिछले 100 साल से हमारे परिवार की जड़ इस मिट्टी से जुड़ी हुई है। गंगा मां की तरह पवित्र यह रिश्ता अवध और रायबरेली के किसान आंदोलन के साथ शुरू हुआ जो आज तक कायम है।

भावुक होकर बोली सोनिया, आज मैं आपको अपना बेटा सौंप रही हूँ 

इंदिरा जी के दिल में रायबरेली के लिए एक अलग जगह थी। मैंने उन्हें काम करते हुए करीब से देखा है। उनके मन में आपके लिए असीम लगाव था। मैंने राहुल और प्रियंका को भी वही शिक्षा दी है जो इंदिरा जी ने और रायबरेली की जनता ने मुझे दी। सबका आदर करो, कमजोर की रक्षा करो। अन्याय के खिलाफ जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए जिससे भी लड़ना पड़े, लड़ जाओ। डरना मत.. क्योंकि संघर्ष की तुम्हारी जड़ें और परंपराएं बहुत मजबूत हैं। मेरा आंचल जीवनभर आपके आशीर्वाद और प्रेम से भरा रहा है । आपके प्रेम ने मुझे कभी अकेला नहीं पड़ने दिया। मेरा सबकुछ आपका ही दिया हुआ है। तो भाइयों बहनों मैं आपको अपना बेटा सौंप रही हूँ, जैसे आपने मुझे अपना माना वैसे राहुल को अपना मानकर रखना है राहुल आपको निराश नहीं करेंगे, इस सभा में आने के लिए मैं दिल से आपको धन्यवाद देती हूँ।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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