MP Breaking News
Wed, Dec 17, 2025

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में किन पार्टियों ने जताया महिलाओं पर भरोसा? जानें विधेयक पारित होने के बाद क्या कुछ बदला

Written by:Rishabh Namdev
Published:
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में किन पार्टियों ने जताया महिलाओं पर भरोसा? जानें विधेयक पारित होने के बाद क्या कुछ बदला

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी जोर शोर से की जा रही हैं। वहीं इस बार चुनावी दंगल में, महिलाओं के बारे में सब से ज्यादा बात की जा रही हैं। नेताओं की तरफ से, महिलाओं के लिए कितने स्कीम हैं, यह बातें मंचों पर बहुत सुनाई दे रही हैं। इसकी पीछे की वजह है महिला वोटर्स की बढ़ती सजगता। पिछले कुछ सालों से, महिलाएं चुनावों में अधिक दिलचस्पी ले रही हैं, जैसे कि पंचायत चुनाव और लोकसभा चुनाव।

अब, नेताओं को महिलाओं को आगे लाने की चुनौती है। इस दौरान, वे महिला मुद्दों पर ज्यादा बात करने में व्यस्त हैं। वे बड़े वादे कर रहे हैं, लेकिन अब देखना होगा कि कितने बड़े दलों ने महिला नेताओं को टिकट दिए हैं। तो चलिए इस खबर में हम यह जानते हैं।

विधेयक पारित होने के बावजूद राजनीतिक दलों ने मोड़ा मुँह:

जानकारी के मुताबिक, लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित करने का विधेयक पारित होने के बावजूद, राजनीतिक दलों द्वारा महिलाओं को टिकट देने में मुँह मोड़ता हुआ नजर आया है। दरअसल इस बारे में चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़े इसकी स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में, 102 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होने का आंकड़ा है, जिसमें 19 अप्रैल को 1,625 उम्मीदवार प्रतिस्पर्धा करेंगे। इनमें से केवल 134 उम्मीदवार महिला हैं, जो कुल उम्मीदवारों का 8% हिस्सा ही है।

दरअसल बिल को लेकर आने वाली भाजपा ने भी 417 संसदीय सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है, जिनमें से मात्र 68 महिलाएं ही हैं, यानी केवल 16 फीसदी महिलाओं पर ही भरोसा इस बार भाजपा ने जताया है। इससे पहले, 2009 में 45, 2014 में 38 और 2019 में 55 महिला उम्मीदवारों को बीजेपी ने मैदान में उतारा था।

हालांकि ये आंकड़े बता रहे हैं कि भाजपा ने महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने का प्रयास तो किया है, लेकिन इसमें अब भी और सुधार की जरूरत है। नवनीत राणा, मालविका देवी और कृति सिंह देबबर्मा जैसी प्रमुख महिला उम्मीदवारों का उल्लेख यहाँ है। इनमें से अधिकांश राजनीतिक परिवारों से संबंधित हैं।