Lok Sabha Speaker : प्रधानमंत्री आवास पर आयोजित एनडीए की पहली बैठक में नरेंद्र मोदी को सर्वसम्मति से एनडीए का नेता चुना गया। जिसके बाद 09 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर यानी तीसरी बार पीएम पद की शपथ ग्रहण की। दरअसल चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद आयोजित बैठक में 16 दलों के 21 नेता शामिल हुए थे। सूत्रों की माने तो, टीडीपी (तेलुगु देशम पार्टी) और जदयू (जनता दल यूनाइटेड) ने लोकसभा में स्पीकर पद की मांग की है। लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर स्पीकर का पद कितना अहम होता है? चलिए आज इस खबर में जानते हैं।
जानिए लोकसभा स्पीकर की भूमिका और अधिकार:
दरअसल सबसे पहले हमें यह समझना होगा की लोकसभा स्पीकर का पद सदन में अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। जानकारी दे दें कि स्पीकर सदन के अनुशासन को सुनिश्चित करने के साथ-साथ उसके उल्लंघन पर सदस्यों को दंडित करने का अधिकार भी रखते है। दरअसल स्पीकर की भूमिका तब और महत्वपूर्ण हो जाती है जब बहुमत परीक्षण की स्थिति आती है। ऐसे में स्पीकर के पास टाई होने पर निर्णायक वोट डालने का अधिकार होता है, जिससे स्पीकर का वोट निर्णायक हो जाता है।
जानें और क्या-क्या है अधिकार?
जानकारी के मुताबिक स्पीकर ही सदन की विभिन्न प्रक्रियाओं जैसे स्थगन प्रस्ताव, अविश्वास प्रस्ताव, निंदा प्रस्ताव आदि की अनुमति देता है। वहीं इसके अलावा, स्पीकर संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता भी करते हैं। आपको जानकारी दे दें कि लोकसभा में स्पीकर ही विपक्ष के नेता को मान्यता देने का अधिकार भी रखते है। इसके साथ ही स्पीकर सभी संसदीय समितियों के अध्यक्षों की नियुक्ति भी करने का काम करते हैं। इसके साथ ही स्पीकर द्वारा ही उनके कार्यों की निगरानी भी की जाती है।
जानिए कितनी मिलती है स्पीकर को सैलरी:
जानकारी के अनुसार 1954 के संसद अधिनियम के तहत लोकसभा स्पीकर को वेतन, भत्ते और पेंशन की सुविधाएं भी दी जाती हैं। दरअसल इस अधिनियम में दिसंबर 2010 में कुछ संशोधन भी किए गए थे। अधिनियम के अनुसार, लोकसभा स्पीकर को 50,000 रुपये का मासिक वेतन दिया जाता है। इसके अलावा, उन्हें हर महीने 45,000 रुपये का निर्वाचन क्षेत्र भत्ता भी मिलता है। इतना ही नहीं उन्हें समितियों की बैठकों में भाग लेने पर भी प्रतिदिन 2,000 रुपये का भत्ता मिलता है।