RSS पर टिप्पणी मामले में महाराष्ट्र की अदालत ने कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह को भेजा नोटिस, 20 नवंबर को पेश होने के आदेश

Atul Saxena
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RSS comment case, notice to Digvijaya Singh : विधानसभा चुनाव से पहले मप्र कांग्रेस के दिग्गज नेता, पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, आज महाराष्ट्र की एक अदालत ने उन्हें RSS पर टिप्पणी के मामले में मानहानि का नोटिस जारी किया है, कोर्ट ने दिग्विजय सिंह को 20 नवंबर को पेश होने का आदेश दिया है।

ठाणे मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भेजा दिग्विजय सिंह को नोटिस 

जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र की ठाणे मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आज शनिवार को कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह को आरएसएस के पूर्व सरसंघचालक माधवराव गोलवलकर पर अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर नोटिस जारी किया है। बता दें कि सांसद दिग्विजय सिंह ने आरएसएस के पूर्व सरसंघचालक गोलवलकर को लेकर टिप्पणी की थी जिसपर आरएसएस कार्यकर्ता विवेक चंपानेरकर ने आपत्ति जताते हुए सिंह के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।

आरएसएस के पूर्व सरसंघचालक गोलवलकर पर टिप्पणी का मामला 

ठाणे की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने शनिवार को कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह को आरएसएस के पूर्व सरसंघचालक गोलवलकर पर टिप्पणी को लेकर नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने दिग्विजय सिंह को 20 नवंबर को पेश होने के लिए कहा है। गौरतलब है कि इससे पूर्व विवेक चंपानेरकर ने दिग्विजय की ट्विटर पोस्ट पर अपने वकील के माध्यम से जुलाई 2023 में एक क़ानूनी नोटिस भिजवाया था।

RSS कार्यकर्ता विवेक चंपानेरकर ने दायर किया मानहानि का मुकदमा 

नोटिस में दिग्विजय सिंह द्वारा 8 जुलाई 2023 को उनके द्वारा अपलोड की गई उस पोस्ट को हटाने के लिए कहा था जिसमें उन्होंने गुरु गोलवलकर के बारे में अपमानजनक बातें लिखी थी, नोटिस में कहा गया था कि दिग्विजय सिंह ने नफरत को बढ़ावा देने, आरएसएस को बदनाम करने के इरादे से ये पोस्ट लिखी, विवेक चंपानेरकर के वकील ने नोटिस भेजकर दिग्विजय सिंह से दो सप्ताह में बिना शर्त माफ़ी मांगने और पोस्ट डिलीट करने के लिए कहा था , जब उन्होंने ऐसा नहीं किया तो फिर कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया गया है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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