डॉक्टर के पर्चे के बिना नहीं मिलेगी कोरोना जैसे लक्षणों की दवा

Atul Saxena
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रायपुर, डेस्क रिपोर्ट। तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण (Corona Infection) को देखते हुए दवा विक्रेताओं ने एक बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला लिया है। मेडिकल दुकानदारों ने निर्णय लिया है कि अब कोरोना मरीज(Corona Patient)  में होने वाले लक्षणों खांसी, सर्दी, जुकाम, बदन दर्द आदि की दवाई बिना डॉक्टर के पर्चे पर नहीं मिलेगी।

पूरे देश की तरह छत्तीसगढ़ में भी अब कोरोना के नए मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं।  राजधानी रायपुर में भी कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। ऐसे में सावधानी रखना सबसे जरुरी उपाय है। इस बीच देखने में आया कि सर्दी, खांसी, जुकाम, बदन दर्द के मरीज मेडिकल स्टोर पर दवा खरीदने अधिक संख्या में पहुँचने लगे हैं।

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सर्दी, खांसी, जुकाम, बदन दर्द के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रायपुर के दवा व्यापारियों ने बड़ा फैसला लिया है।  ऑल इंडिया रिटेल केमिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवराज गुरनानी ने कैमिस्ट साथियों को कॉन्फडरेशन ऑफ फार्मा डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र हरचंदानी ने छत्तीसगढ़ के दवा संघों को इस फैसले से सम्बंधित एक पत्र लिखा है।

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पत्र मिलने के बाद छत्तीसगढ़  केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट एसोसिएशन के महासचिव अविनाश अग्रवाल में सभी जिलों के अध्यक्षों और सचिवों को पत्र लिखकर कहा है कि अब कोई भी मेडिकल स्टोर बिना डॉक्टर के पर्चे के कोरोना के लक्षणों से जुड़े मरीजों को दवा नहीं देगा।

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पदाधिकरियों ने कहा कि कोरोना में सर्दी, खांसी, जुकाम, बदन दर्द जैसे लक्षण होते हैं लेकिन कई मरीज ऐसे होते हैं जो टेस्ट नहीं करवाना चाहते या बाहर जाना चाहते हैं, ऐसे मरीज मेडिकल स्टोर से इन बीमारी की दवा लेकर लक्षणों को दबाते हैं जो बहुत खतरनाक है। यदि इस तरह के मरीज को यदि कोरोना हुआ तो दूसरे मरीजों तक फ़ैल सकता है इसलिए इस आदत को रोकना होगा।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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