Modi 3.0: पीएम मोदी ने मंत्रियों को दिया टास्क, सप्ताह के पहले चार दिन कोई मंत्री नहीं छोड़ेगा ऑफिस

जीतनराम ने कहा कि पीएम मोदी ने हम लोगों को टास्क दिया है, मंत्रियों से कहा गया है कि वो हफ्ते के शुरुआती चार दिन सोमवार, मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को हेड क्वार्टर छोड़ कर कहीं नहीं जायेंगे जो सरकारी काम है उसमें लगे रहेंगे, उसके बाद अपने क्षेत्र में जाएंगे।

Atul Saxena
Published on -
PM Modi

Modi 3.0: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शपथ ग्रहण से पहले ही अपनी नई सरकार का पहले 100 दिन का रोड मैप बता चुके हैं, वे कई बार कह चुके हैं कि मुझे आराम पसंद नहीं हैं, अभी मुझे बहुत काम करना बाकि है, अब जब कल प्रधानमंत्री के रूप में तीसरी बार मोदी ने शपथ ली उसके बाद उन्होंने अपने मंत्रियों को भी उनके इरादे स्पष्ट कर दिए।

मोदी कैबिनेट में कैबिनेट मंत्री बनाये गए जीतनराम मांझी का कहना है कि मोदी जी ने हमें कैबिनेट में स्थान दिया है हम उनका आभार जताते हैं साथ ही एनडीए के साथियों का भी आभार जताते हैं। पीएम दृढ संकल्पित हुए हैं कि पहले और दूसरे कार्यकाल से ज्यादा आगे और कठिन कदम उठाना है जिससे भारत को अर्थ व्यवस्था के मामले में पांचवी से तीसरी अर्थ व्यवस्था 2024 से 2029 के बीच बनाना है।

सप्ताह के शुरुआती चार दिन ऑफिस में बैठना होगा 

मीडिया से बात करते हुए जीतनराम ने कहा कि पीएम मोदी ने हम लोगों को टास्क दिया है, मंत्रियों से कहा गया है कि वो हफ्ते के शुरुआती चार दिन सोमवार, मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को हेड क्वार्टर छोड़ कर कहीं नहीं जायेंगे जो सरकारी काम है उसमें लगे रहेंगे, उसके बाद अपने क्षेत्र में जाएंगे। मोदी जी ने कहा है कि हमें हर हाल में कठिन परिश्रम करना है जिससे हम 2029 के चुनाव में NDA को इस बार से भी अच्छी स्थिति में लेकर आयें और भारत को मजबूत बनायें।

जीतनराम मांझी सबसे बुजुर्ग मंत्री

आपको बता दें कि जीतन राम मांझी मोदी मंत्रिमंडल में सबसे बुजुर्ग मंत्री हैं उनकी उम्र 79 वर्ष है। मांझी ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है। वे बिहार के 23वें मुख्यमंत्री रह चुके हैं और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम, HAM) के संस्थापक अध्यक्ष हैं। जीतनराम मांझी नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने 2024 के आम चुनावों में तीर्थ क्षेत्र गया सीट से जीत हासिल की है।


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News