केंद्र सरकार ने उठाया ये कदम, अब नहीं रुलाएगी प्याज, जनता को मिलेगी महंगाई से राहत

Atul Saxena
Published on -
Onion price

Onion prices : देश की जनता के लिए , खासकर महिलाओं के लिए ये खबर बहुत काम की है, उनके किचिन का बजट बिगाड़ रही प्याज की कीमतों में जल्दी ही गिरावट की उम्मीद बढ़ गई है, कीमतों पर रुलानी वाली प्याज जल्दी ही सस्ती हो सकती है क्योंकि सरकार ने इसके लिए एक बड़ा कदम उठाया है, आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने मार्च 2024 तक प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है।

बेमौसम बारिश से ख़राब हुए प्याज और उत्पादन में आई गिरावट ने पिछले दिनों प्याज की कीमतें बढ़ा दी थी।  कहीं कही जगह तो प्याज 200 रुपये किलो तक बिका, आज भी सामान्य बाजार में प्याज की कीमत 60 से 70 रुपये किलो चल रही है। लेकिन अब सरकार अब कीमतों को लेकर एक्शन में है।

मोदी सरकार ने 31 मार्च 2024 तक प्याज निर्यात पर रोक लगाई 

जानकारी के अनुसार गुरुवार को विदेशी व्यापार निदेशालय ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा कि प्याज की निर्यात पॉलिसी में थोडा बदलाव किया जा रहा है। नोटिफिकेशन में कहा गया कि इस बदलाव के तहत अब से 31 मार्च 2024 तक प्याज के निर्यात पर पूरी तरह रोक रहेगी यानि अब एक भी प्याज देश के बाहर नहीं जा सकेगा।

जनता की जेब पर महंगाई का बोझ करने सरकार ने किया प्रयास 

इस बदलाव की वजह बताते हुए निदेशालय ने कहा कि इससे प्याज की आपूर्ति देश में संभव हो पायेगी और कीमतों पर नियंत्रण होगा। पर्याप्त उपलब्धता के चलते कीमतों में भी कमी आएगी जिससे आम जनता को सीधा सीधा लाभ होगा और उनकी जेब पर महंगाई का बोझ कुछ कम होगा।

पिछले दिनों प्याज की MEP भी निर्धारित की गई थी  

गौरतलब है कि प्याज की निर्यात पॉलिसी में बदलाव से पहले केंद्र सरकार ने इसकी न्यूनतम कीमत भी तय की थी।  सरकार ने 29 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक प्याज का मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) 800 डॉलर प्रति टन निर्धारित किया था, यानि प्याज की खुदरा कीमत 67 रुपये प्रति किलोग्राम रखी गई थी लेकिन इसकी कीमतों में पिछले एक महीने में आये करीब 58 प्रतिशत तक उछाल को देखते हुए अब सरकार ने अब प्याज के निर्यात पर ही रोक लगा दी है।


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News