भारतीय मौसम विभाग ने इस आशय के संकेत पुणे स्थित आईआईटीएम (Indian Institute Of Tropical Meteorology Pune) में विकसित मल्टी-मॉडल एक्सटेंडेड रेंज प्रेडिक्शन सिस्टम (MMERPS) का उपयोग करके अपने नवीनतम एक्सटेंडेड रेंज फोरकास्ट (ERF) के जरिए दिए हैं।
आमतौर पर केरल में जून के पहले हफ्ते में मानसून की दस्तक होती है और फिर पूरे देश में मानसून पहुंचता है। लेकिन इस बार 10 दिन पहले पहुंचने के संकेत मिले है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, IITM के एक मौसम वैज्ञानिक की मानें तो अरब सागर में एंटीसाइक्लोन क्षेत्र बन रहा है, इसकी वजह से मानसून केरल जल्द पहुंच सकता है। इसके प्रभाव से पश्चिमी क्षेत्र के दूसरे हिस्सों में भी बारिश हो सकती है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एजेंसी का कहना है कि केरल में मानसून की शुरुआत 20 मई के बाद कभी भी हो सकती है। 28 अप्रैल को जारी अंतिम ERF ने भी 19-25 मई की अवधि में केरल में वर्षा संबंधित गतिविधियों की भविष्यवाणी की है।भारत मौसम विज्ञान विभाग का नवीनतम ERF मई 5-11 (सप्ताह 1), मई 12-18 (सप्ताह 2), मई 19-25 (सप्ताह 3) और मई 26-जून 1 (सप्ताह 4) के लिए है। बंगाल की पूर्व-मध्य खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती तूफान बनने जा रहा है। इससे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर मानसून के प्रवाह को मजबूत करने में मदद मिलने की संभावना है।
इस साल होगी सामान्य बारिश
बता दें कि हाल ही में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मानसून 2022 को लेकर भविष्यवाणी की थी और कहा था कि इस साल मानसून ‘सामान्य’ रहेगा। पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों, उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों और दक्षिणी प्रायद्वीप के दक्षिणी हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। जून से सितंबर के दौरान औसत वर्षा अब 868.6 मिमी मानी जाएगी, पहले 880.6 मिमी थी।
निजी एजेंसी ‘स्काईमेट’ ने भी भारत में सामान्य मानसून की भविष्यवाणी की है और संभावना जताई है कि 65% सामान्य बारिश की उम्मीद है, इससे कृषि क्षेत्र को लाभ मिलेगा।यह भारत के कृषि क्षेत्र के लिए अच्छा संकेत है।मानसून पर ला नीना का असर भी दिखेगा। प्रायद्वीपीय भारत के उत्तरी भाग, मध्य भारत, हिमालय की तलहटी और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।